हैदराबाद : भारत द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए अपने पोल्ट्री बाजार को खोलने की संभावना है और इस संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत की आगामी यात्रा के दौरान एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं.
इस संबंध में अंतर्राष्ट्रीय अंडा आयोग के चेयरमैन सुरेश चित्तूरी से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि अगर हम अमेरिका से चिकन लेग का आयात करना शुरू करते हैं तो यह न केवल भारतीय पोल्ट्री उद्योग को खत्म करेगा बल्कि भारत के कृषि क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा.
ईटीवी भारत से बातचीत में चित्तूरी ने चिकन लेग को लेकर कुछ सवालों के जवाब दिए.
सवाल :अमेरिका में लोग चिकन लेग पीस क्यों नहीं खा रहे हैं ?
जवाब : अमेरिका में एक ब्रांडिंग है, जिसे उद्योगों ने यह कहते हुए सफलतापूर्वक बनाया है कि सफेद मांस या स्तन का हिस्सा स्वास्थ्यप्रद है. काले मांस में लेग पीस को शामिल किया गया है.
उन्होंने इसकी ब्रांडिंग कुछ इस तरीके से की है कि उन्हें 50-60% के आस-पास इसका अच्छा परिणाम मिलता है. इसके साथ ही उनके सामने रेड मीट की बजाय सफेद मांस की अधिक मांग होगी और अगर वह भारत में रेड मीट बेचते हैं, तो वह अमेरिका में भी इसकी कमी पैदा कर रहे हैं. यह उनका खेल है.
सवाल: यदि सरकार इस व्यापार सौदे की घोषणा करती है तो पोल्ट्री उद्योग पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
जवाब : पोल्ट्री क्षेत्र समाप्त हो जाएगा और इसका कोई उपाय नहीं है.