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सीतारमण ने दिया सबसे लंबा बजट भाषण, खुद का रिकॉर्ड तोड़ा

वित्त मंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत सुबह 11 बजे की थी और यह अपराह्न 1:40 बजे तक जारी रहा, जिससे यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे लंबे समय तक बना रहा.

सीतारमण ने दिया सबसे लंबा बजट भाषण, खुद का रिकॉर्ड तोड़ा
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Published : Feb 1, 2020, 7:49 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 7:44 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को अपना दूसरा केंद्रीय बजट पेश किया और सबसे लंबे बजट भाषण देने का रिकॉर्ड बनाया. उनका 2 घंटे 40 मिनट तक चला बजट भाषण, संसद में पूरे जोर-शोर से सुना गया, जिससे 2019 का रिकॉर्ड 2 घंटे और 17 मिनट तक टूट गया.

वित्त मंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत सुबह 11 बजे की थी और यह अपराह्न 1:40 बजे तक जारी रहा, जिससे यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे लंबे समय तक बना रहा.

पिछले साल भी, सीतारमण ने 2 घंटे 17 मिनट तक भाषण देने से पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया था. तीसरे स्थान पर पूर्व वित्त मंत्री जसवंत सिंह का भाषण बना हुआ है.

खराब स्वास्थ्य के चलते नहीं पढ़ सकीं पूरा भाषण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अस्वस्थ्य होने के कारण शनिवार को लोकसभा में बजट भाषण के कुछ पन्ने नहीं पढ़ सकीं. बजट भाषण पढ़ते समय तक उनकी तबियत कुछ खराब हुई तब उन्होंने तीन बार पानी पिया. हालांकि इससे कुछ फायदा नहीं हुआ.

तब सदन में विपक्ष के सदस्यों ने उनसे बजट दस्तावेज सभापटल पर रखने का आग्रह किया. इस पर सीतारमण ने कहा कि सिर्फ दो पन्ने बचे हैं. वित्त मंत्री ने दोबारा बजट पढ़ने का प्रयास किया लेकिन वे ठीक से नहीं पढ़ पा रही थीं. उन्हें बजट भाषण पढने में परेशानी होने पर कुछ केंद्रीय मंत्रियों ने बजट दस्तावेज सभा पटल पर रखने का आग्रह किया. इसके बाद वित्त मंत्री ने लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति से बजट भाषण सभा पटल पर रख दिया. बाद में वित्त मंत्री सीतारमण राज्यसभा गयीं और बजट से जुड़े कागजात सदन की पटल पर रखे.

भाषण के जो अंश पढ़े नहीं गए

  1. मेक इन इंडिया पहल के तहत, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रिक वाहन और उनके घटकों जैसी मदों के लिए सुनिर्धारित सीमा शुल्क दरों को पूर्व-घोषणा की गई है. इससे भारत में घरेलू मूल्य संवर्धन क्षमता में धीरे-धीरे वृद्धि सुनिश्चित हुई है. इलेक्ट्रिक वाहनों और मोबाइल के पार्टस पर ऐसी सावधानीपूर्वक बनाई गई चरणबद्ध विनिर्माण योजनाओं के भाग के रूप में, सीमा शुल्क दरों में संशोधन किया जा रहा है.
  2. अन्य परिवर्तनों में, कतिपय निविष्टियों और कच्ची सामग्रियों पर सीमा शुल्क घटाया जा रहा है, जबकि कतिपय माल पर इसे बढ़ाया जा रहा है, जिनको देश के भीतर बनाया जा रहा है. पिछले बजट में न्यूज प्रिंट और हल्के कोटेड कागज पर 10% का बुनियादी सीमा शुल्क लगाया गया था. तथापि, तब से मैंने अनेक प्रसंग प्राप्त किया है कि इस लेवीसे उस समय प्रिंट मीडिया पर अतिरिक्त भार पड़ा है जब यह एक कठिन दौर से गुजर रहा है. इसलिए, मैं न्यूज प्रिंट और लाइट-वेट कोटेड पेपर के आयात पर मूल सीमा शुल्क को 10% से घटाकर 5% करने का प्रस्ताव करती हूं.
  3. नीचले प्रायोक्ताओं के लिए रसायन महत्वपूर्ण फीड स्टॉक हैं. उदाहरण के लिए, पीटीए वस्त्र रेशा और सूत के लिए महत्वपूर्ण निविष्टि है. प्रतिस्पर्धी कीमतों पर इसकी आसान उपलब्धता कपड़ा क्षेत्र में अपार संभावनाओं को खोलने के लिए वांछनीय है जो एक महत्वपूर्ण रोजगार सृजकर है. इसलिए, सार्वजनिक हित में, पीटीए पर पाटन रोधी शुल्क को समाप्त किया जा रहा है.
  4. राजस्व उपायों के रूप में, मैं सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों पर राष्ट्रीय आपदा और आकस्मिक शुल्क के माध्यम से उत्पाद शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव करती हूं. फिर भी, बीड़ी की शुल्क दरों में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है.
  5. अंतत: कर सुधार जारी रखना एक सतत चुनौती है और हम उन्हें पूरे जोश के साथ आगे बढ़ाने का प्रस्ताव करते हैं.
  6. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से संबंधित मेरे बजट प्रस्तावों का विवरण मेरे भाषण के अनुबंध में है.
Last Updated : Feb 28, 2020, 7:44 PM IST

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