नई दिल्ली :भारत के इंजीनियरिंग सामान निर्यात ने अप्रैल के महीने में अमेरिका, चीन, जर्मनी और इटली सहित अधिकांश प्रमुख बाजारों में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है. इनमें मशीनरी, औद्योगिक सामान, ऑटोमोबाइल और ऑटो घटक शामिल हैं. एक आधिकारिक व्यापार डेटा के विश्लेषण से इस बात का पता चलता है.
भारतीय इंजीनियरिंग सामानों के लिए शीर्ष 25 निर्यात गंतव्यों में, केवल मलेशिया और सिंगापुर के मामले में नकारात्मक वृद्धि देखी गई.
दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, संयुक्त राज्य अमेरिका भारतीय इंजीनियरिंग सामानों के लिए सबसे बड़ा बाजार बना रहा, उसके बाद चीन, जो दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.
अमेरिका को निर्यात अप्रैल में सालाना आधार पर 400% से अधिक उछला. वहीं भारत के दूसरे सबसे बड़े निर्यात गंतव्य चीन को शिपमेंट ने भी महीने में 143% से अधिक की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की.
इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष महेश देसाई ने कहा, 'इस अवधि के दौरान 'जहाजों, नावों और तैरती संरचनाओं' के अलावा अन्य सभी उत्पाद समूहों ने सकारात्मक वृद्धि दर्ज की. पिछले कुछ महीनों से विकास की गति जारी है.'
देसाई ने कहा कि आउटबाउंड शिपमेंट में उच्च वृद्धि दर मुख्य रूप से वित्त वर्ष 2020-21 के निम्न आधार के कारण है.
उन्होंने ईटीवी भारत को बताया, 'लेकिन वसूली वास्तव में प्रभावशाली है. यह वैश्विक रुझानों को दर्शाता है.'
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32 इंजीनियरिंग सामान श्रेणियों में, जिन्होंने सकारात्मक वृद्धि दर्ज की, लोहे और इस्पात के निर्यात में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में अप्रैल 2021 में 210 प्रतिशत की भारी उछाल दर्ज की गई.
अलौह खंड में एल्युमीनियम, जस्ता, निकल, सीसा, टिन और अन्य उत्पादों को शामिल करते हुए इस अवधि के दौरान निर्यात में 110.5% की वृद्धि देखी गई.
औद्योगिक मशीनरी खंड के भीतर, कुल मिलाकर मासिक निर्यात में 703% की वृद्धि हुई है, जो अप्रैल 2020 में 146.21 मिलियन डॉलर से बढ़कर अप्रैल 2021 में 1,174.23 मिलियन डॉलर हो गई है.
इलेक्ट्रिकल मशीनरी सेगमेंट का निर्यात अप्रैल 2020 में 245.43 मिलियन डॉलर से बढ़कर अप्रैल 2021 में 853.1 मिलियन डॉलर हो गया, जो पिछले महीनों में देखे गए पैटर्न के विपरीत 247% से अधिक की वृद्धि दर्शाता है.