मुंबई: रिजर्व बैंक ने सोमवार को बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को मनी लांड्रिंग और आंतकवादियों के वित्त पोषण के जोखिमों के आकलन की नियमित व्यवस्था करने को कहा है. रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) को लेकर दिशनिर्देश में एक नया खंड जोड़ा है. नया निर्देश तत्काल प्रभावी हो गया है.
आरबीआई ने एक परिपत्र में कहा कि इसके तहत उसके नियंत्रण में आने वाली इकाइयां मनी लांड्रिंग और आतंकवादियों को वित्त पोषण (टीएफ) से जुड़े जोखिम आकलन निश्चित समयान्तराल पर करने की व्यवस्था करेंगी. साथ ही वे ग्राहकों, देशों, उत्पादों, सेवाओं और लेनदेन या वितरण चैनल के लिये इससे जुड़े जोखिम को को दूर करने के लिये प्रभावी कदम उठाएंगी.
इसमें कहा गया है कि नियंत्रित इकाइयां मनी लांड्रिंग और टीएफ से जुड़े जोखिम का आकलन करते समय क्षेत्र विशेष पर पड़ने वाला अगर कोई प्रभाव है तो उसे को संज्ञान में लेंगी. इस बारे में नियामक/निरीक्षक समय-समय पर उनसे जानकारी साझा कर सकते हैं.