नई दिल्ली: नए प्रत्यक्ष कर कानून का मसौदा तैयार कर रहे कार्यबल ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए दो-तीन महीने का समय मांगा है. नए कानून का यह मसौदा कई साल पुराने मौजूदा आयकर अधिनियम की जगह लेगा. कार्यबल को 28 फरवरी को अपनी रिपोर्ट सौंपनी है.
वित्त मंत्रालय ने पिछले साल नवबंर में सीबीडीटी, सदस्य (विधि) अखिलेश रंजन को कार्यबल का संयोजक बनाया था. रंजन को अरविंद मोदी के सेवानिवृत होने के बाद इस पद पर रखा गया है. अधिकारी ने कहा, "कार्यबल ने वित्त मंत्री को अब तक हुई प्रगति के बारे में जानकारी दी है. रिपोर्ट जमा करने के लिए दो-तीन महीने का समय और मांगा है."
नए प्रत्यक्ष कर कानून का मसौदा तैयार कर रही समिति ने रिपोर्ट जमा करने के लिए मांगा वक्त - आयकर अधिनियम
नए प्रत्यक्ष कर कानून का मसौदा तैयार कर रहे कार्यबल ने वित्त मंत्री को अब तक हुई प्रगति के बारे में जानकारी दी है. रिपोर्ट जमा करने के लिए दो-तीन महीने का समय और मांगा है.
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कार्यबल के अन्य सदस्य गिरीश आहूजा (चार्टेड एकाउंटेंट), राजीव मेमानी (ईवाई के चेयरमैन और क्षेत्रीय निदेशक), मुकेश पटेल (कर मामलों के वकील), मानसी केडिया (परामर्शदाता इक्रियर) तथा जीसी श्रीवास्तव (सेवानिवृत्त आईआरएस तथा वकील) हैं.
तीन महीने का समय देने के बावजूद कार्यबल 2019-20 के अंतिम बजट से पहले पेश होने की उम्मीद है. आम चुनाव के बाद जुलाई में अंतिम बजट आने की उम्मीद है. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2017 में कर अधिकारियों के वार्षिक सम्मेलन में कहा था कि आयकर अधिनियम 1961 को 50 साल से ज्यादा का समय हो गया है और इसे फिर से तैयार किए जाने की जरूरत है.
(भाषा)