मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि पिछली तीन मौद्रिक समीक्षाओं के दौरान नीतिगत ब्याज दरों में कुल 0.75 प्रतिशत की कटौती की गयी लेकिन बैंकों ने इस दौरान अब तक ग्राहकों को कर्ज पर ब्याज में कुल 0.29 प्रतिशत की कमी का ही लाभ दिया है. उन्होंने बैंकों से सस्ते धन का और अधिक लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने का आग्रह किया.
केंद्रीय बैंक ने बुधवार को मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की कटौती कर इसे 5.4 प्रतिशत पर ला दिया है. इसे मिलाकर वर्ष 2019 में नीतिगत ब्याज दर में कुल 1.10 प्रतिशत की कमी की गयी है. रेपो दर वह दर होती है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को एक दिन के लिए नकदी उधार देता है इसके यह दर कम होने से बैंकों के धन की लागत कम होती है और वे भी ग्राहकों को कम दर पर उपलब्ध करा सकते हैं.
बैंकों ने ब्याज दरों में 0.75 प्रतिशत कटौती में से मात्र 0.29 प्रतिशत लाभ ग्राहकों तक पहुंचाया
आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि बैंकों ने उनके ऋण ग्राहकों को मात्र 0.29 प्रतिशत ब्याज दर कटौती का लाभ पहुंचाया है जबकि जून तक रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दरों में 0.75 प्रतिशत की कटौती की थी.
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आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि बैंकों ने उनके ऋण ग्राहकों को मात्र 0.29 प्रतिशत ब्याज दर कटौती का लाभ पहुंचाया है जबकि जून तक रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दरों में 0.75 प्रतिशत की कटौती की थी.
उन्होंने कहा कि बैंकों ने ऐसा रुख तब अपना रखा है जबकि वे जिस वित्तीय बाजार पर निर्भर करते हैं वह रिजर्व बैंक की नीतियों के हिसाब से चल रहा है.
दास ने यहां संवाददाताओं से कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि नीतिगत निर्णय को आगे बढ़ाने के लिए आने वाले हफ्तों और महीनों में बैंक काम करेंगे."
अगस्त की मौद्रिक समीक्षा नीति में ब्याज दरों में 0.35 प्रतिशत की कटौती का निर्णय 4:2 की सहमति से किया गया.