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न्यूनतम आय योजना पासा पलटने वाली पर क्रियान्वयन के लिए चाहिए बड़ी राशि: विशेषज्ञ

कुछ विशेषज्ञों का हालांकि यह भी कहना है कि योजना को लागू करने के लिए काफी बड़ी राशि की आवश्यकता होगी. यह धन कहां से आएगा इस बारे में फिलहाल कोई ब्योरा उपलब्ध नहीं कराया गया है.

न्यूनतम आय योजना पासा पलटने वाली पर क्रियान्वयन के लिए चाहिए बड़ी राशि: विशेषज्ञ

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Published : Mar 28, 2019, 12:00 AM IST

Updated : Mar 28, 2019, 12:06 AM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का न्यूनतम आय योजना (न्याय) का चुनावी वादे से बेशक रातों रात गरीबी समाप्त नहीं होगी, लेकिन अगर यह योजना लागू होती है तो यह भारत में गरीबी दूर करने में पासा पटलने वाली साबित हो सकती है. पेरिस स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में वर्ल्ड इनइक्वेलिटी लैब के सह-निदेशक लुकस चांसेल ने बुधवार को यह बात कही.

कुछ विशेषज्ञों का हालांकि यह भी कहना है कि योजना को लागू करने के लिए काफी बड़ी राशि की आवश्यकता होगी. यह धन कहां से आएगा इस बारे में फिलहाल कोई ब्योरा उपलब्ध नहीं कराया गया है. उन्होंने गरीबों के जीवन स्तर को बढ़ाने वाले इस प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा कि यदि कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वह योजना के वित्तपोषण के लिए 0.1 प्रतिशत शीर्ष अमीरों (2.5 करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति वाले) पर सालाना 2 प्रतिशत का संपत्ति कर लगा सकती है.

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इस जाने-माने अर्थशास्त्री ने बताया, "न्यूनतम आय योजना से बेशक रातोंरात गरीबी दूर नहीं होगी, लेकिन यह पासा पटलने वाली योजना साबित हो सकती है." मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्राध्यापक अभिजीत बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस की आय योजना की लागत जीडीपी के 1 प्रतिशत तक होगी जो फिलहाल मौजूदा समय के लिहाज से बजट की गुंजाइश से बाहर की बात है.

उन्होंने कहा कि हमें बड़े कर सुधारों की आवश्यकता है. एक राष्ट्र के रूप में हमारी महत्वाकांक्षाओं को देखते हुए हम कम कर लगाते हैं. नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या की बात यह है कि इस योजना की अवधारणा 'कामधेनु अर्थशास्त्र' से निकली है. "इसमें (योजना) यह मान लिया गया है कि अर्थव्यवस्था वह सब देती रहेगी जो भी राशि सरकारी राजस्व से मांगी जाती रहेगी. दुर्भाग्य से अर्थव्यवस्था कामधेनु नहीं है."

पनगढ़िया ने जोर देते हुए कहा, "इस योजना के लिए सालाना 3.6 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी, जो 2019-20 में केंद्र सरकार के कुल बजटीय व्यय का 13 प्रतिशत है. इतनी बड़ी राशि का इंतजाम करने के लिए कांग्रेस किस खर्च में कटौती करेगी ?' इस बारे में हमारे पास कोई ब्यौरा नहीं है."

Last Updated : Mar 28, 2019, 12:06 AM IST

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