नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये जारी 'लॉकडाउन' से खुदरा व्यापारी 80,000 नौकरियां घटा सकते हैं. उद्योग संगठन रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) ने एक सर्वे में यह कहा है. आरएआई ने कोरोना वायरस महामारी का व्यापारियों और कार्यबल पर पड़ने वाले प्रभाव के आकलन के लिये यह सर्वे किया. यह सर्वे 768 खुदरा कारोबारियों के बीच किया गया जिनमें 3,92,963 लोगों को रोजगार मिला हुआ है.
संगठन ने कहा, "छोटे खुदरा व्यापारी अपने यहां काम करने वालों में से 30 प्रतिशत की छंटनी कर सकते हैं. वहीं मध्यम आकार के खुदरा कारोबारी में यह 12 प्रतिशत और बड़े खुदरा व्यपारियों के मामले में यह 5 प्रतिशत है. कुल मिलाकर सर्वे में शामिल खुदरा कारोबारियों ने कहा कि वे कार्यबल में 20 प्रतिशत की कटौती कर सकते हैं."
सर्वे के अनुसार 20 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी से कुल 78,592 कर्मचारी प्रभावित होंगे. उद्योग संगठन ने कहा कि सर्वे में शामिल छोटे कारोबारियों में वे इकाइयां हैं जहां 100 से कम लोग काम करते हैं. इनकी सर्वे में भागीदारी 65 प्रतिशत हैं. वहीं मझोले खुदरा कारोबारियों में 100 से 1,000 लोग काम करते हैं. बड़े खुदरा कारोबारियों में वे शामिल हैं जिन्होंने 1,000 से अधिक लोगों को काम दे रखा है.
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये 25 मार्च से जारी 'लॉकडाउन' के कारण खाने-पीने का सामान बेचने वाले को छोड़कर 95 प्रतिशत से अधिक दुकानें बंद पड़ी हैं. इससे उनकी आय खत्म होगी. वे पिछले साल के मुकाबले अगले छह महीने में करीब 40 प्रतिशत ही कमाई की उम्मीद कर रहे हैं. वहीं खाने-पीने का सामान बेचने वाले खुदरा व्यापरी अगले छह महीनों में पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 56 प्रतिशत कमाई की उम्मीद कर रहे हैं.
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