मुंबई: रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर दुवुरी सुब्बाराव ने बुधवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पाद में पांच प्रतिशत गिरावट आ सकती है लेकिन अगले वित्त वर्ष में इसमें वापस पांच प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है.
वहीं रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने मंगलवार को कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में पांच प्रतिशत तक गिरावट आ सकती है. उसने कहा कि यह मंदी भारत की आजादी के बाद चौथी मंदी होगी और शायद यह अब तक की सबसे गहरी मंदी होगी.
सुब्बाराव ने कहा, "अगले वित्त वर्ष में पांच प्रतिशत वृद्धि की अच्छी संभावना है. इसके पीछे की वजह यह है कि यह (कोविड- 19) कोई प्राकृतिक आपदा नहीं है. हमारे कारखाने खड़े हैं, हमारी ढांचागत सुविधायें जहां हैं वहां खड़ी हैं और हमारी परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से बरकरार है."
सुब्बाराव एक वेबिनार में बोल रहे थे. यह वेबिनार 'संकट के दौर से गुजर रही - भारतीय अर्थव्यवस्था' विषय पर आयोजित की गई. इसका आयोजन सेंटर फार फाइनेंसियल स्टडीज (सीएफएस) ने किया.
उन्होंने कहा, "जैसे ही लॉकडाउन हटा लिया जायेगा और अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ने के लिये हरी झंडी दी जायेगी, मुझे पूरा भरोसा है कि हम जल्द ही आगे बढ़ जायेंगे और कम से कम पांच प्रतिशत (वृद्धि दर) पर पहुंच जायेंगे."
सुब्बाराव ने कहा कि मंदी के इस दौर में उन्हें दो अच्छी चीजें दिखतीं हैं - विदेशी क्षेत्र में काफी हद तक स्थिरता और बंपर कृषि उत्पादन, ये दोनों ही अर्थव्यवस्था को सहारा देंगे.