नई दिल्ली :देश में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से मची त्राहि से निपटने के लिए विभ्भिन राज्यों द्वारा लगाए गए आंशिक और सम्पूर्ण प्रतिबंधों के कारण अप्रैल में ईंधन की मांग में गिरावट देखी गई.
भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के विपणन और रिफाइनरियों के निदेशक अरुण सिंह ने बताया कि अप्रैल 2021 में ईंधन की कुल मांग अप्रैल 2019 के मुकाबले सात प्रतिशत कम रही.
देश में पिछले वर्ष अप्रैल में कोरोना संक्रमण के कारण हालांकि, राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया गया था जिसके कारण लगभग सभी आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ गई थी. लॉकडाउन के लागू रहने की वजह से अप्रैल 2020 में ईंधन की बिक्री बेहद कम रही थी इसलिए इस वर्ष अप्रैल माह में ईंधन बिक्री की तुलना वर्ष 2019 से की गई है.
राज्यों के स्वामित्व वाले ईंधन खुदरा विक्रेताओं के शुरूआती आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष अप्रैल में पेट्रोल की बिक्री 21.4 लाख टन रही जो अगस्त 2020 के बाद से सबसे कम है. इस वर्ष अप्रैल में मार्च के मुकाबले पेट्रोल की बिक्री 6.3 प्रतिशत तथा अप्रैल 2019 के मुकाबले 4.1 प्रतिशत कम रही. वही पिछले वर्ष अप्रैल में पेट्रोल की बिक्री 872,000 टन रही थी.
वाहनों के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल में आने वाले डीजल ईंधन की बिक्री भी कोरोना संक्रमण के प्रकोप के कारण अप्रैल 2021 में 50.9 लाख टन रही जो पिछले महीने के मुकाबले 1.7 प्रतिशत और अप्रैल 2019 की तुलना में 9.9 फीसद कम है. वही अप्रैल 2020 में डीजल की बिक्री 28.40 लाख टन थी.
ये भी पढ़ें :अप्रैल में भारत का निर्यात 30.2 बिलियन बढ़ा, व्यापार घाटा भी बढ़ा
विमान सेवाओं के इस्तेमाल में आने वाले जेट ईंधन की खपत क्षमता से कम बने रहने के चलते अप्रैल में इसकी बिक्री 377,000 टन की हुई जो मार्च के मुकाबले 11.5 प्रतिशत और अप्रैल 2019 की तुलना में 39.1 फीसदी कम है. पिछले वर्ष अप्रैल में जेट ईंधन की बिक्री हालांकि केवल 5,500 टन रही थी.