नई दिल्ली: कोरोना के कहर से देश का करीब 4500 करोड़ रुपये का आइसक्रीम कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है और फिलहाल इसके उबरने के आसार नहीं दिख रहे हैं.
गर्मी का सीजन शुरू होने से पहले देश में कोरोना का कहर गहराने लगा था. फिर गर्मी का पीक सीजन देशव्यापी लॉकडाउन में निकल गया और अब बरसात का सीजन शुरू हो गया है, जब आइसक्रीम की मांग वैसे भी कम हो जाती है. ऐसे में आइसक्रीम के कारोबार के दोबारा पटरी पर लौटने की उम्मीद बहरहाल धूमिल दिख रही है.
देश में डेयरी उत्पादों का प्रमुख ब्रांड अमूल के आइसक्रीम की बिक्री चालू वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में 50 फीसदी तक घटने की संभावना है. गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) के प्रबंध निदेशक डॉ. आर. एस. सोढ़ी ने आईएएनएस को बताया कि कोरोना के चलते आइसक्रीम कारोबार बुरी तरह प्रभावित है और अमूल के आइसक्रीम की बिक्री चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में करीब 50 फीसदी कम रह सकती है. वहीं, कई अन्य कंपनियों के आइसक्रीम की बिक्री 70-80 फीसदी तक घट गई है.
डॉ. सोढ़ी ने बताया कि कोरोना के कहर के चलते मार्च में आइसक्रीम की बिक्री 95 फीसदी घट गई, इसके बाद अप्रैल में 55 फीसदी और मई में 70 फीसदी गिरावट दर्ज की गई. लॉकडाउन खुलने बाद हालांकि आइसक्रीम की बिक्री में थोड़ा सुधार आया है, लेकिन होरेका (होटल, रेस्तरां और कैंटीन) सेगमेंट की जो डिमांग रहती थी वह नहीं लौटी है.
उन्होंने कहा कि शादी समारोह व कार्यक्रम के लिए जो आइसक्रीम की मांग होती थी वह नदारद है, वहीं, होटल, रेस्तरां, कैंटीन अभी तक ठीक ढंग से नहीं खुल पाए हैं, इसलिए जून में भी 30 फीसदी से ज्यादा बिक्री रहने की उम्मीद नहीं है.