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आइसक्रीम कारोबार पर कोरोना का कहर बरकरार, 40 फीसदी गिरावट का अंदेशा

गर्मी का सीजन शुरू होने से पहले देश में कोरोना का कहर गहराने लगा था. फिर गर्मी का पीक सीजन देशव्यापी लॉकडाउन में निकल गया और अब बरसात का सीजन शुरू हो गया है, जब आइसक्रीम की मांग वैसे भी कम हो जाती है. ऐसे में आइसक्रीम के कारोबार के दोबारा पटरी पर लौटने की उम्मीद बहरहाल धूमिल दिख रही है.

आइसक्रीम कारोबार पर कोरोना का कहर बरकरार, 40 फीसदी गिरावट का अंदेशा
आइसक्रीम कारोबार पर कोरोना का कहर बरकरार, 40 फीसदी गिरावट का अंदेशा

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Published : Jun 26, 2020, 9:31 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना के कहर से देश का करीब 4500 करोड़ रुपये का आइसक्रीम कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है और फिलहाल इसके उबरने के आसार नहीं दिख रहे हैं.

गर्मी का सीजन शुरू होने से पहले देश में कोरोना का कहर गहराने लगा था. फिर गर्मी का पीक सीजन देशव्यापी लॉकडाउन में निकल गया और अब बरसात का सीजन शुरू हो गया है, जब आइसक्रीम की मांग वैसे भी कम हो जाती है. ऐसे में आइसक्रीम के कारोबार के दोबारा पटरी पर लौटने की उम्मीद बहरहाल धूमिल दिख रही है.

देश में डेयरी उत्पादों का प्रमुख ब्रांड अमूल के आइसक्रीम की बिक्री चालू वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में 50 फीसदी तक घटने की संभावना है. गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) के प्रबंध निदेशक डॉ. आर. एस. सोढ़ी ने आईएएनएस को बताया कि कोरोना के चलते आइसक्रीम कारोबार बुरी तरह प्रभावित है और अमूल के आइसक्रीम की बिक्री चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में करीब 50 फीसदी कम रह सकती है. वहीं, कई अन्य कंपनियों के आइसक्रीम की बिक्री 70-80 फीसदी तक घट गई है.

डॉ. सोढ़ी ने बताया कि कोरोना के कहर के चलते मार्च में आइसक्रीम की बिक्री 95 फीसदी घट गई, इसके बाद अप्रैल में 55 फीसदी और मई में 70 फीसदी गिरावट दर्ज की गई. लॉकडाउन खुलने बाद हालांकि आइसक्रीम की बिक्री में थोड़ा सुधार आया है, लेकिन होरेका (होटल, रेस्तरां और कैंटीन) सेगमेंट की जो डिमांग रहती थी वह नहीं लौटी है.

उन्होंने कहा कि शादी समारोह व कार्यक्रम के लिए जो आइसक्रीम की मांग होती थी वह नदारद है, वहीं, होटल, रेस्तरां, कैंटीन अभी तक ठीक ढंग से नहीं खुल पाए हैं, इसलिए जून में भी 30 फीसदी से ज्यादा बिक्री रहने की उम्मीद नहीं है.

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उन्होंने कहा कि मार्च से लेकर जून तक चार महीने के दौरान आइसक्रीम की करीब 60 फीसदी बिक्री होती है, लेकिन इस साल कोरोना के कारण यह मांग प्रभावित रही.

डॉ. आर. एस. सोढ़ी ने बताया कि भारत का आइसक्रीम कारोबार तकरीबन 4500 करोड़ रुपये का है, लेकिन कोरोना के कारण इस चालू वित्त वर्ष में इसमें 30-40 फीसदी की गिरावट रह सकती है.

दिल्ली में एक मशहूर डेयरी कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर मनोज गुप्ता ने बताया कि आइसक्रीम की बिक्री पहले वेंडर के जरिए 70 फीसदी होती थी जबकि 30 फीसदी रिटेलर के जरिए, लेकिन वेंडर अब बहुत कम रह गए हैं, जबकि रिटेलर की भी आइसक्रीम की मांग काफी कम हो गई है. उन्होंने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस साल आइसक्रीम की मांग महज 25 फीसदी है.

हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) या दुनिया में चिकित्सा व रोग नियंत्रण से जुड़े किसी संस्थान ने अब तक यह नहीं कहा है कि आइसक्रीम या ठंडी चीजें खाने से कोरोना वायरस फैलता है, लेकिन रिटेलर बताते हैं कि कोरोना काल में लोगों ने ठंडा खाना कम कर दिया है, जिससे आइसक्रीम की मांग पर असर पड़ा है.

(आईएएनएस)

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