अप्रत्यक्ष कर लक्ष्य से चूकेगी सरकार, पर राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करेगी: गर्ग
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में कई बार कटौती और छूट सीमा बढ़ाए जाने की वजह से जीएसटी संग्रह में गंभीर गिरावट दिख रही है. इस साल में केवल कुछ ही महीनों में जीएसटी संग्रह लक्ष्य के मुताबिक एक लाख करोड़ रुपये के पार गया.
मुंबई: वित्त सचिव एस सी गर्ग ने यह स्वीकार किया कि सरकार चालू वित्त वर्ष में अप्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य संभवत: हासिल नहीं कर पाएगी. लेकिन प्रत्यक्ष कर संग्रह के लक्ष्य को हासिल कर लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद वित्त वर्ष 2018- 19 के लिये रखे गये राजकोषीय घाटे के संशोधित 3.4 प्रतिशत के लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा.
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में कई बार कटौती और छूट सीमा बढ़ाए जाने की वजह से जीएसटी संग्रह में गंभीर गिरावट दिख रही है. इस साल में केवल कुछ ही महीनों में जीएसटी संग्रह लक्ष्य के मुताबिक एक लाख करोड़ रुपये के पार गया. इस वित्त वर्ष में जीएसटी अब तक औसतन 95,000 करोड़ रुपये मासिक रहा है.
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गर्ग ने फिक्की-आईबीए के कार्यक्रम के मौके पर संवाददाताओं से अलग से बातचीत में कहा, "प्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर हम काफी हद तक आशान्वित हैं. हालांकि, अप्रत्यक्ष कर संग्रह लक्ष्य से कुछ कम रहेगा." हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि अप्रत्यक्ष कर संग्रह लक्ष्य से कितना कम रहेगा.
गर्ग ने कहा, "हम इसकी भरपाई बचत से कर लेंगे. ऐसे में 3.4 प्रतिशत का राजकोषीय घाटे का लक्ष्य सुरक्षित है." सरकार ने अंतरिम बजट में राजकोषीय घाटे का लख्य 3.4 प्रतिशत रहने का संशोधित लक्ष्य रखा है जो पिछले बजट में रखे गये लक्ष्य की तुलना में 0.1 प्रतिशत अधिक है. यह लगातार दूसरा वर्ष रहा है जब मोदी सरकार राजकोषीय घाटे के बजट लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाई.
सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान प्रतयक्ष करों से 12 लाख करोड़ रुपये रहने का लक्ष्य तय किया है. इससे पहले इसके 11.50 लाख करोड़ रुपये रहने का बजट अनुमान रखा गया था. गर्ग ने कहा कि वित्त मंत्रालय के अधिकारी 26 मार्च को रिजर्व बेंक के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात कर पहली छमाही के लिये बाजार से उधारी की समयसारीणी तैयार करेंगे.
(भाषा)