नई दिल्ली :कृषि वस्तुओं का निर्यात तथा किसानों की आय बढ़ाने के अपने प्रयास के तहत सरकार ने शनिवार को कहा कि उसने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के उत्पादों की सूची को अंतिम रूप दिया है. इन उत्पादों को देशभर के 728 जिलों में क्लस्टर दृष्टिकोण के साथ बढ़ावा दिया जाएगा.
एक सरकारी बयान में कहा गया है कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के परामर्श से कृषि मंत्रालय ने वन डिस्ट्रिक्ट, वन फोकस प्रोडक्ट (ओडीओएफपी यानी एक जिला, एक विशेष उत्पाद) के लिए उत्पादों के नामों को अंतिम रूप दे दिया है.
सूची तैयार करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से भी जानकारियां ली गई हैं.
बयान में कहा गया है, उत्पादों को देशभर के 728 जिलों के कृषि, बागवानी, पशु, मुर्गी पालन, दूध, मत्स्य पालन और जलीय कृषि, समुद्री क्षेत्रों से पहचाना गया है. कृषि मंत्रालय ने कहा कि इन उत्पादों को केंद्रीय योजनाओं को मिलाने के जरिए एक क्लस्टर दृष्टिकोण के साथ बढ़ावा दिया जाएगा, जिसका उद्देश्य उत्पादों के मूल्य में वृद्धि करना और किसानों की आय बढ़ाना है.
धान को 40 जिलों, गेहूं -5 जिलों, मोटे सह पोषक अनाज -25 जिलों, दलहन 16 जिलों, वाणिज्यिक फसल 22 जिलों, तिलहन 41 जिलों, सब्जियां 107 जिलों, मसाले 105 जिलों, वृक्षारोपण 28 जिलों, फलों को 226 जिलों में बढ़ावा दिया जाएगा. फ्लोरीकल्चर (पुष्प खेती) के लिए दो जिले, शहद के लिए नौ जिले, पशुपालन / डेयरी 40 जिले, जलीय कृषि / समुद्री मत्स्य पालन 29 जिले और प्रसंस्कृत उत्पादों को 33 जिलों में बढ़ावा दिया जाएगा.