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विमानन क्षेत्र को बजट में ज्यादा राहत मिलने की संभावना नहीं, विशेषज्ञों की राय

इस बार के बजट में कुछ भी प्रमुख नहीं होने वाला है, क्योंकि सरकार की प्राथमिकताएं इस बार अलग हैं. स्वाभाविक रूप से, वे यह देखने की कोशिश करेंगे कि कोरोना वायरस वैक्सीन अधिकांश लोगों को दी जाए, जो इसका खर्च वहन नहीं कर सकते हैं, उन्हें मुफ्त में दिया जाएगा. जिसमें बहुत सारे पैसे लगेंगे.

विमानन क्षेत्र को बजट में ज्यादा राहत मिलने की संभावना नहीं, विशेषज्ञों की राय
विमानन क्षेत्र को बजट में ज्यादा राहत मिलने की संभावना नहीं, विशेषज्ञों की राय

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Published : Jan 18, 2021, 7:36 PM IST

नई दिल्ली :भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के पूर्व चेयरमैन ने कहा कि कोविड-19 प्रेरित आर्थिक मंदी से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले विमानन क्षेत्र को बजट 2021 से निराशा ही मिलेगी, क्योंकि उन्हें विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) पर उच्च करों से कोई राहत नहीं मिल सकती है.

एएआई के पूर्व अध्यक्ष वीपी अग्रवाल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा, "इस बार के बजट में कुछ भी प्रमुख नहीं होने वाला है, क्योंकि सरकार की प्राथमिकताएं इस बार अलग हैं. स्वाभाविक रूप से, वे यह देखने की कोशिश करेंगे कि कोरोना वायरस वैक्सीन अधिकांश लोगों को दी जाए, जो इसका खर्च वहन नहीं कर सकते हैं, उन्हें मुफ्त में दिया जाएगा. जिसमें बहुत सारे पैसे लगेंगे."

वीपी अग्रवाल ने कहा, "विमानन क्षेत्र में सरकार की ओर से सहायता की संभावना नहीं है और विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) पर कम करों की लंबे समय से मांग पर भी केंद्र द्वारा विचार नहीं किया जाएगा."

उन्होंने कहा कि इस वित्तीय बजट में, सरकार रक्षा क्षेत्र की आवश्यकताओं को भी पूरा करेगी. "सीमा तनावपूर्ण है" और साथ ही, किसानों का मुद्दा भी सरकार के सामने एक चुनौती है और इसलिए वे किसानों को भी कुछ देना चाहेंगे. इसीलिए विमानन क्षेत्र सरकार की प्राथमिकता सूची में अंतिम है.

आगामी बजट से उम्मीदों पर बात करते हुए विमानन क्षेत्र की विशेषज्ञ अमेय जोशी ने कहा, "एयरलाइंस पर कर का बोझ कम करना, जीएसटी के तहत एटीएफ को शामिल करना, भारत में दुकान लगाने के लिए कंपनियों को पट्टे पर देने में मदद करने के तरीकों की तलाश करना चाहिए."

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रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार, कम राजस्व और उच्च निश्चित लागत के कारण भारतीय विमानन उद्योग को वित्त वर्ष 2020 में 21,000 करोड़ रुपये का घाटा होगा, जबकि वित्त वर्ष 2020 में 12,700 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा होगा.

देश के नागरिक उड्डयन क्षेत्र ने पिछले वर्षों की तुलना में यातायात में कम वृद्धि का अनुभव किया है.

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के विमानन नियामक द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों में कहा गया है कि एक साल पहले दिसंबर में यात्रियों की संख्या की तुलना में 43.7 फीसदी गिरी थी.

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