हैदराबाद: दुनिया भर के व्यवसायी, सरकारें और नागरिक जल्द से जल्द कोरोना और आर्थिक संकट को पीछे छोड़ना चाहते हैं. विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना संकट के एक दशक के बाद वैश्विक ताकतों में तेजी से बदलाव आएगा. पहली बार एक बिलियन से अधिक उपभोक्ता इसमें शामिल होंगे और चौथी औद्योगिक क्रांति के परिदृश्य को बदलेंगे. इस दौरान उपभोक्ता बाजार के तौर पर चीन, भारत और आसियान क्षेत्र के विकास पर नजर बनी रहेगी.
विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट "फास्ट-ग्रोथ कंज्यूमर मार्केट्स: आसियान में खपत का भविष्य" रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दोनों व्यापारिक और राजनीतिक नेताओं को कनेक्टेड और सशक्त उपभोक्ताओं की बदलती जरूरतों और मांगों के लिए अपनी रणनीतियों को अनुकूलित करने की आवश्यकता होगी.
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रिपोर्ट में उभरते बाजारों में खपत के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है जिसमें दुनिया की 40 प्रतिशत से अधिक आबादी शामिल है. 2017 का अध्ययन चीन पर केंद्रित था; 2018 में यह भारत पर ध्यान केंद्रित किया गया था और अब 2019-2020 का अध्ययन आसियान पर केंद्रित है. इसका कारण यह है कि 10 आसियान अर्थव्यवस्थाएं दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही हैं.
दुनिया का अगला आर्थिक महाशक्ति
रिपोर्ट के अनुसार जीडीपी वृद्धि दर के मामले में भारत और चीन सबसे आगे हैं. वहीं, आसियान अगले दशक तक 4 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर बढ़ेगा. जिससे यह क्षेत्र दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. 2030 तक आसियान की जीडीपी 4.5 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ जाएगी और जनसंख्या 723 मिलियन तक पहुंच जाएगी. दुनिया के उपभोग वर्ग में प्रवेश करने वाले छह वर्गों में से एक आसियान से होगा. हर साल पांच मिलियन लोग शहरों में जाएंगे. शहरीकरण 2050 तक कायम रहेगा और टियर 2 शहरों तक विस्तारित होगा.
एफडीआई के लिए आसियान एक लोकप्रिय गंतव्य बन जाएगा