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कोरोना संकट के बाद दुनिया का अगला आर्थिक महाशक्ति बनेगा आसियान: रिपोर्ट

विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना संकट के बाद आसियान अगले दशक तक 4 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर बढ़ेगा. जिससे यह क्षेत्र दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. आसियान समूह में साल 2018 में एफडीआई प्रवाह 155 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया जो कि चीन से 1.2 गुना और भारत 3.7 गुना से अधिक है.

कोरोना संकट के बाद दुनिया का अगला आर्थिक महाशक्ति बनेगा आसियान: रिपोर्ट
कोरोना संकट के बाद दुनिया का अगला आर्थिक महाशक्ति बनेगा आसियान: रिपोर्ट

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Published : Jun 7, 2020, 6:34 PM IST

हैदराबाद: दुनिया भर के व्यवसायी, सरकारें और नागरिक जल्द से जल्द कोरोना और आर्थिक संकट को पीछे छोड़ना चाहते हैं. विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना संकट के एक दशक के बाद वैश्विक ताकतों में तेजी से बदलाव आएगा. पहली बार एक बिलियन से अधिक उपभोक्ता इसमें शामिल होंगे और चौथी औद्योगिक क्रांति के परिदृश्य को बदलेंगे. इस दौरान उपभोक्ता बाजार के तौर पर चीन, भारत और आसियान क्षेत्र के विकास पर नजर बनी रहेगी.

विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट "फास्ट-ग्रोथ कंज्यूमर मार्केट्स: आसियान में खपत का भविष्य" रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दोनों व्यापारिक और राजनीतिक नेताओं को कनेक्टेड और सशक्त उपभोक्ताओं की बदलती जरूरतों और मांगों के लिए अपनी रणनीतियों को अनुकूलित करने की आवश्यकता होगी.

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रिपोर्ट में उभरते बाजारों में खपत के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है जिसमें दुनिया की 40 प्रतिशत से अधिक आबादी शामिल है. 2017 का अध्ययन चीन पर केंद्रित था; 2018 में यह भारत पर ध्यान केंद्रित किया गया था और अब 2019-2020 का अध्ययन आसियान पर केंद्रित है. इसका कारण यह है कि 10 आसियान अर्थव्यवस्थाएं दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही हैं.

दुनिया का अगला आर्थिक महाशक्ति

रिपोर्ट के अनुसार जीडीपी वृद्धि दर के मामले में भारत और चीन सबसे आगे हैं. वहीं, आसियान अगले दशक तक 4 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर बढ़ेगा. जिससे यह क्षेत्र दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. 2030 तक आसियान की जीडीपी 4.5 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ जाएगी और जनसंख्या 723 मिलियन तक पहुंच जाएगी. दुनिया के उपभोग वर्ग में प्रवेश करने वाले छह वर्गों में से एक आसियान से होगा. हर साल पांच मिलियन लोग शहरों में जाएंगे. शहरीकरण 2050 तक कायम रहेगा और टियर 2 शहरों तक विस्तारित होगा.

एफडीआई के लिए आसियान एक लोकप्रिय गंतव्य बन जाएगा

आसियान समूह में साल 2018 में एफडीआई प्रवाह 155 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया जो कि चीन से 1.2 गुना और भारत 3.7 गुना से अधिक है. श्रम शक्ति की तुलना कि जाए तो वियतनाम में श्रमिक चीन की तुलना में 50% सस्ता है. वियतनाम को कुशल और अर्ध-कुशल श्रम विकसित करने और एक मजबूत तकनीकी विनिर्माण आधार बनाने के लिए निवेश करना जारी रखना होगा.

कुल खपत दोगुनी हो जाएगी

आसियान की खपत 2030 तक 2.2 गुना बढ़कर लगभग 4 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी, जबकि चीन की तुलना में 1.9 गुना और भारत में चार गुना होगी. इंडोनेशिया अनुमानित 1.3 ट्रिलियन डॉलर आसियान की एक तिहाई खपत का प्रतिनिधित्व करेगा जो इस क्षेत्र का सबसे बड़ा उपभोग अवसर है.

शहरों में भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे को बढ़ाना

आसियान के ट्रैफिक जाम कुख्यात हैं. अधिकांश क्षेत्र किफायती आवास, कम सुरक्षा और खराब सड़क नेटवर्क की कमी से भी ग्रस्त हैं. स्थिति को सुधारने के लिए, आसियान सरकारें स्मार्ट शहरों का विकास शुरू कर रही हैं.

रिपोर्ट ने आसियान नेताओं को भारत के प्रयासों का सुझाव दिया. देश के स्मार्ट सिटी मिशन ने देश भर में 100 स्मार्ट शहरों को विकसित किया है. विश्वसनीयता बढ़ाने के दौरान उपयोगिता की खपत को कम करने के लिए स्मार्ट मीटर शामिल हैं. देश भर में स्मार्ट मीटर के साथ पारंपरिक ऊर्जा मीटर को बदलने के लिए स्मार्ट मीटर नेशनल प्रोग्राम की स्थापना की गई थी.

ट्रैफ़िक प्रबंधन और पार्किंग के लिए स्मार्ट गतिशीलता, नई दिल्ली की इंटेलिजेंट ट्रैफ़िक प्रबंधन प्रणाली, उल्लंघनकर्ताओं का पता लगाने के लिए ट्रैफ़िक और सेंसर का प्रबंधन करने के लिए एआई पर निर्भर करती है. भारत अब लीडरशिप फॉर एनर्जी एंड एनवायरनमेंटल डिज़ाइन बिल्डिंग-सस्टेनेबिलिटी सर्टिफिकेशन में चौथा सबसे बड़ा बाजार है.

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