हैदराबाद: रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक और एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी ने अपनी कंपनी को पूरी तरह से कर्ज मुक्त करने का प्रयास तेज कर दिया है. अंबानी रणनीतिक निवेशकों के साथ मिलकर कंपनी को पूरी तरह कर्ज से मुक्त बनाना चाहते हैं.
अंबानी ने पिछले साल अगस्त में कहा था कि वह रिलायंस को मार्च 2021 तक कर्ज मुक्त बना देंगे लेकिन फेसबुक के साथ बड़ी डील हो जाने के बाद रिलायंस के मुख्य वित्तीय अधिकारी श्रीकांत वेंकटचारी ने कहा कि अब यह लक्ष्य इस साल के अंत तक यानि कि दिसंबर 2020 तक हासिल हो जाने की संभावना है.
बता दें कि रिलायंस को कर्ज मुक्त करने के लिए कंपनी एक के बाद एक बड़ें सौदे कर रही है और कुछ अहम कदम उठा रही. आज हम कुछ उन्हीं सौदों और फैसलों के बारे में बताएंगें और जानेंगे की अंबानी रिलायंस को कर्ज मुक्त करने के लिए क्या-क्या कर रहे हैं. इसके साथ ही हम जानेंगे की रिलायंस के शेयर ने इस साल अबतक कितना रिटर्न दिया है.
एक महीने में तीन बड़े निवेश
फेसबुक:रिलायंस जियो और फेसबुक के बीच 43,574 रुपये का सौदा हुआ है. इस डील के बाद जियो में 9.99 फीसदी हिस्सेदारी फेसबुक की होगी.
सिल्वर लेक:अमेरिका की निजी इक्विटी कंपनी सिल्वर लेक पार्टनर्स ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के जियो प्लेटफॉर्म्स में 1.15 फीसदी की हिस्सेदारी खरीद ली है. जियो प्लेटफॉर्म्स में सिल्वर लेक 5,655.75 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.
विस्टा इक्विटी:अमेरिका की प्राइवेट इक्विटी फर्म विस्टा इक्विटी पार्टनर्स ने रिलायंस जियो में 2.32 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है. यह सौदा 11,367 करोड़ रुपए में हुआ है.
रिलायंस पर 1.61 लाख का कर्ज
मार्च 2020 अंत तक कंपनी पर बकाया कर्ज 3,36,294 करोड़ रुपये है. इसके साथ ही कंपनी के पास 1,75,259 करोड़ रुपये नकदी थी. नकदी को समायोजित करने के बाद शुद्ध कर्ज 1,61,035 करोड़ रुपये बैठता है.
रिलायंस को कर्ज मुक्त बनाने की दिशा में अहम कदम
1. एक के बाद एक तीन बड़े सौदे
रिलायंस ने फेसबुक, सिल्वर लेक और विस्टा इक्विटी को जियो प्लेटफॉर्म्स की हिस्सदारी बेची है. जिससे तीन हफ्ते से भी कम समय में जियो प्लेटफॉर्म्स वैश्विक निवेशकों से 60,596.37 करोड़ रुपये का निवेश जुटा चुकी है.
2. राइट्स इश्यू की घोषणा
रिलायंस ने 30 अप्रैल को देश के सबसे बड़े राइट्स इश्यू की घोषणा की थी. कंपनी राइट्स इश्यू के जरिये 53,215 करोड़ रुपए जुटाएगी. राइट्स इश्यू का मूल्य 1,257 रुपए प्रति शेयर रखा गया है. बता दें कि राइट्स इश्यू के जरिये रिलायंस अपने मौजूदा शेयरधारकों को कम दाम में और शेयर बेचेगी.
3. सऊदी अरामको के साथ चल रही है बातचीत
रिलायंस अपने तेल रसायन कारोबार में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी सऊदी अरामको को बेचने की तैयारी में है. अगर यह डील हो जाती है तो रिलायंस को करीब 1.14 लाख करोड़ रुपये मिल सकते हैं.
4. रिटेल कारोबार में बीपी के साथ समझौता
रिलायंस ने अपने ईंधन खुदरा कारोबार की 49 फीसदी हिस्सेदारी ब्रिटेन की बीपी पीएलसी को बेची है. जिससे उसे 7,000 करोड़ रुपये मिले.
रिलायंस ने कब कितना दिया रिटर्न
- जनवरी 2020: -6.76 प्रतिशत
- फरवरी 2020: -5.88 प्रतिशत
- मार्च 2020: -16.17 प्रतिशत
- अप्रैल 2020: 31.63 प्रतिशत
- मई 2020: 6.37 प्रतिशत (आंकड़ें आठ मई तक)
- साल 2020 में रिटर्न: 3.53 प्रतिशत
रिलायंस इंडस्ट्रीज से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण आंकड़ें
- 52 हफ्ते का उच्च स्तर: 1617.80 रुपये
- 52 हफ्ते का निम्न स्तर: 875.65 रुपये
- बाजार पूंजीकरण: 9.90 लाख करोड़
- पीई रेशियो: 23.54
बेहतरीन सौदों के बाद निचले स्तर से 54 प्रतिशत चढ़ा रिलायंस का शेयर
कोरोना वायरस के कारण शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. रिलायंस भी इससे अछूता नहीं था. रिलायंस ने 20 जनवरी 2020 को अपना सर्वकालिक स्तर 1,617.80 बनाया था.
वहीं, कोरोना के प्रकोप के बाद इसने 23 मार्च 2020 को अपना 52 हफ्ते का निम्न स्तर 875.65 को छूआ. इस तारीख तक रिलायंस अपने उच्चस्तर से लगभग 42.89 प्रतिशत नीचे फिसल चुका था. जिससे रिलायंस का बाजार पूंजीकरण दस लाख करोड़ से घटकर छह लाख करोड़ के नीचे आ गया. रिलायंस के लिए अप्रैल महीना काफी अच्छा साबित हुआ. इस महीने रिलायंस ने लगभग 31.63 प्रतिशत का रिटर्न दिया.
फेसबुक-जियो सौदे के बाद रिलायंस का शेयर दस प्रतिशत तक उछला था. वहीं, विस्टा के साथ समझौते के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर की कीमत 3.48 प्रतिशत बढ़कर 1,559.45 रुपये प्रति शेयर हो गई. जोकि इस साल के निचले स्तर से 54 प्रतिशत उपर है.
ये भी पढ़ें:लॉकडाउन शुरू होने के बाद बैंकों ने एमएसएमई, कंपनियों को 42,000 करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किए