नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि देश में 5जी ढांचा बनाने में जियो की भूमिका अहम होगी. यह बात कंपनी ने बाजार के रुख को देखते हुए कही है.
मोबाइल सेवाओं के लिए न्यूनतम आधार कीमत तय करने के मुद्दे पर कंपनी ने कहा दूरसंचार कंपनियों द्वारा दिसंबर में बढ़ाए गए शुल्क का असर हाल में दिखने लगा है. इससे बाजार स्थितियां बेहतर हुई हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने भी 2020-21 के दौरान अगले दौर की स्पेक्ट्रम नीलामी की मंशा जतायी है. ऐसे में जियो के पास पहले से 5जी प्रौद्योगिकी के लिए तैयार प्रणाली और फाइबर परिसंपत्ति है. बाजार के रुख को देखा जाए तो देश में 5जी वातावरण के विकास में जियो की भूमिका अहम होगी.
शेयरधारकों को भेजे पत्र में कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि देश में अभी भी लाखों उपयोक्ता 2जी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं. वह इंटरनेट का उपयोग नहीं कर सकते हैं. ऐसे में देश को पूरी तरह 2जी से 4जी या उससे आगे की प्रौद्योगिकी में लाने की तत्काल जरूरत है, और इस बदलाव के लिए जियो के पास कई अवसर हैं.
उन्होंने कहा, "पिछले दो साल से अधिक समय में ‘जियोफोन’ 10 करोड़ उपयोक्ताओं को 2जी से 4जी तक लाने में सफल रहा है. उन्होंने कहा कि जियो को देश के लिए 4जी प्रौद्योगिकी खड़ा करने में मिली सफलता ने फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट जैसी वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित किया."
अंबानी ने कहा कि रिलायंस जियो के उपयोक्ताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. 31 मार्च 2020 तक इनकी संख्या 38.75 करोड़ पहुंच चुकी है. मोबाइल इंटरनेट की दुनिया में क्रांति लाने के बाद जियो अब उपयोक्ताओं की संख्या और समायोजित सकल आय के हिसाब से देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी है.
ये भी पढ़ें:आरबीआई की निगरानी में लाए जाएंगे 1,540 सहकारी बैंक: प्रकाश जावड़ेकर
उन्होंने कहा कि जियो अपनी अत्याधुनिक वायर प्रौद्योगिकी के माध्यम से घरों और प्रतिष्ठानों तक इंटरनेट सेवाएं पहुंचाने का काम भी कर रही है. इससे एक ही मंच पर कई डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए मजबूत बुनियाद तैयार करने में मदद मिलेगी.
रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2020 के अंत तक जियो फाइबर सेवा लेने वाले घरों की संख्या 10 लाख हो गयी. अंबानी ने कहा कि ई-वाणिज्य सेवाओं के माध्यम संगठित खुदरा कारोबार के लिए वृद्धि के और अवसर खुलेंगे.