नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने प्राकृतिक गैस के दाम में करीब सात प्रतिशत की कटौती की है. कीमतों में यह कटौती बंगाल की खाड़ी स्थित केजी-डी6 ब्लाक में नये फील्डों से उत्पादित गैस के लिये है. उर्वरक संयंत्रों जैसे ग्राहकों के उच्च आधार मूल्य के विरोध को देखते हुए कंपनी ने यह कदम उठाया है.
रिलायंस और उसकी भागीदार ब्रिटेन की बीपी पीएलसी 50 लाख घनमीटर प्रतिदिन गैस के लिये संभावित ग्राहकों से बोलियां मंगायी थीं. कंपनी की 2020 के मध्य से केजी-डी5 फील्ड में आर संकुल फील्ड से यह गैस उत्पादित करने की योजना है.
बोलीदाताओं को गैस के लिये मूल्य, आपूर्ति अवधि और जरूरी मात्रा के बारे में बताने को कहा गया था. मूल्य दिनांकित (डेटेड) ब्रेंट क्रूड की दर के प्रतिशत के रूप में बताने को कहा गया था. दिनांकित ब्रेंट क्रूड की दर से आशय उस अनुबंध वाले महीने के ठीक पहले तीन महीने के प्रकाशित ब्रेंट के औसत मूल्य से है जिसमें गैस की आपूर्ति की जानी है.
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सूत्रों के अनुसार रिलायंस ने शुरू में न्यूनतम मूल्य दिनांकित ब्रेंट भाव का 9 प्रतिशत रखा था. इसका मतलब था कि बोलीदाताओं को गैस लेने के लिये 9 या उच्च प्रतिशत की बोली लगानी होती. साठ डॉलर प्रति बैरल मूल्य पर गैस की कीमत 5.4 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट बैठती है. लेकिन ग्राहकों ने इस कीमत को व्यावहारिक नहीं माना. इसका कारण हाजिर मूल्य में आयातित एलएनजी का भाव फिलहाल 4 डॉलर प्रति इकाई है.
सूत्रों के अनुसार ग्राहकों के विरोध को देखते हुए रिलायंस ने न्यूनतम मूल्य दिनांकित ब्रेंट भाव का 8.4 प्रतिशत कर दिया है. कंपनी ने संभावित ग्राहकों के साथ बोली पूर्व बैठक के बाद न्यूनतम मूल्य में कमी की. इस बारे में कंपनी को भेजे गये ई-मेल का कोई जवाब नहीं मिला.
उल्लेखनीय है कि रिलायंस गैस को लेकर बोली एक महीने में दो बार टाल चुकी है. मूल रूप से ई-बोली 11 अक्टूबर को होनी थी लेकिन बाद में इसे टालकर छह नवंबर और पुन: 15 नवंबर कर दिया गया.