वित्त मंत्रालय के राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने राज्यसभा को एक लिखित जवाब में कहा कि सभी सदस्य ऋण संस्थानों (एमएलआई) द्वारा मार्च 2018 तक पीएमएमवाई के तहत विस्तारित ऋण 5.71 लाख करोड़ रुपये थे.
उन्होंने कहा कि पीएमएमवाई के तहत ऋण को माइक्रो यूनिट्स (सीजीएफएमयू) के लिए क्रेडिट गारंटी फंड के तहत कवर किया जा सकता है. सीजीएफएमयू का गठन 10 लाख रुपये तक के माइक्रो लोन में डिफॉल्ट के खिलाफ भुगतान की गारंटी देने के उद्देश्य से किया गया है.
शुक्ला ने बताया कि 1 फरवरी 2019 को, 15.73 करोड़ से अधिक के ऋणों पर 7.59 लाख करोड़ रुपये का ऋण पीएमएमवाई के तहत एमएलएमवाई द्वारा दिया गया है, इस योजना के शुरू होने के बाद से पीएमएमवाई के तहत लगभग 73 प्रतिशत ऋण महिला उधारकर्ताओं के लिए बढ़ा दिए गए हैं.
एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए, शुक्ला ने कहा कि आरबीआई ने अवगत कराया है कि सूट-दायर करने वाले डिफॉल्टरों की सूची 1 करोड़ रुपये और उससे अधिक की है और 25 लाख रुपये और अधिक के सूट-दायर विलफुल डिफॉल्टरों की सूची क्रेडिट इन्फॉरमेशन कंपनीज(सीआईसी) की वेबसाइटों पर सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध है.