नई दिल्ली: मोबाइल सेवा प्रदाताओं की रस्साकशी के बीच निजी क्षेत्र की प्रमुख सेवा प्रदाता रिलायंस जियो ने भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) से मोबाइल फोन काल की घंटी की अवधि तय करने के बारे में कोई व्यवस्था न देने का आग्रह किया है. कंपनी का कहना है इसको सेवा प्रदाताओं पर छोड़ दिया जाना चाहिए क्योंकि इस मामले में नियामकीय हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है.
जियो ने कहा है कि ट्राई इस मामले पर यदि कुछ कहना भी चाहता है तो वह संदर्भ के लिए एक दिशानिर्देश के रूप में होना चाहिए और यह अनिवार्य निर्देश के रूप में नहीं होना चाहिए.
फोन काल की घंटी की अवधि पर ट्राई की दखल के खिलाफ है जियो
जियो ने कहा है कि ट्राई इस मामले पर यदि कुछ कहना भी चाहता है तो वह संदर्भ के लिए एक दिशानिर्देश के रूप में होना चाहिए और यह अनिवार्य निर्देश के रूप में नहीं होना चाहिए.
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ट्राई इस बारे एक परिचर्चा पत्र जारी कर अपना विचार तय करने वाला है. जियो ने अपने नेटवर्क से की जाने वाली काल की घंटी की अवधि कम कर दी है. उसकी प्रतिद्वंद्वी भारती एयरटेल ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि यह काल करने वाले ग्राहकों की सुविधा के खिलाफ है.
जियो ने कहा है कि ट्राई चाहे तो 20 से 25 सेकेंड के रिंग (घंटी) की सिफारिश कर सकता है, लेकिन एयरटेल का कहना है कि इसका एक मानक स्तर होना चाहिए. उसकी राय में काल खत्म होने वाले एक्सचेंज पर घंटी की अवधि 45 सेकेंड और उद्गम एक्सचेंज पर यह 75 सेकेंड की होनी चाहिए.
वोडाफोन-आइडिया ने इसे कम से कम 30 सेकेंड रखने का सुझाव दिया है. उसका कहना है कि प्राय: दुनियाभर में फोन की घंटी का समय इसी दायरे में होता है. जियो का कहना है कि यदि काल का जवाब दिया जाना होता है तो वह 15 सेकेंड के अंदर हो जाता है.
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