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जानिए जेट एयरवेज के अर्श से फर्श तक पहुंचने का सफर

जेट एयरवेज ने 25 से अधिक वर्षों के संचालन के बाद आखिरकार अपने विमान सेवा परिचालन को अस्थाई तौर पर रोकने की घोषणा कर दी.

जानिए जेट एयरवेज के अर्श से फर्श तक पहुंचने का सफर

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Published : Apr 19, 2019, 3:24 PM IST

मुंबई: नकदी संकट से जूझ रही पूर्णकालिक विमान सेवायें देने वाली निजी क्षेत्र की एयरलाइन जेट एयरवेज ने 25 से अधिक वर्षों के संचालन के बाद आखिरकार अपने विमान सेवा परिचालन को अस्थाई तौर पर रोकने की घोषणा कर दी. बैंकों के समूह द्वारा 400 करोड़ रुपये की त्वरित ऋण सहायता उपलब्ध कराने से इनकार कर दिये जाने के बाद एयरलाइन ने यह घोषणा की थी.

देश में एक और विमानन सेवा प्रदाता कंपनी ने आखिरकार दम तोड़ दिया. 2012 में किंगफिशर को बंद करने के बाद से सेवाओं को बंद करने के लिए पिछले दशक में यह दूसरी एयरलाइन सेवाएं हैं. कंपनी के इस फैसले के साथ ही जेट में काम करने वाले कर्मचारियों पर जैसे मुसीबतों पर पहाड़ टूट पड़ा है.

आइये नजर डालते हैं जेट एयरवेज के 25 साल के सफर पर

  • 1991 :- नरेश गोयल ने जेट एयरवेज ने की स्थापना की.
  • 1993 :- दो विमानों, बोइंग 737 और बोइंग 300 के साथ जेट एयरवेज की लॉन्चिंग.
  • 2002 :- जेट ने घरेलू एयरलाइंस मार्केट में इंडियन एयरलाइंस को पीछे छोड़ दिया.
  • 2004 :- जेट ने पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरी.
  • 2005 :- मार्च महीने में जेट की शेयर बाजार में लिस्टिंग कराई और कंपनी के 20% शेयर बेचे. 1,100 रुपये का शेयर 1,155 रुपये में लिस्ट हुए जिनसे गोयल को 8,000 करोड़ रुपये मिले.
  • 2007 :- जनवरी में एयर सहारा को करीब 1,450 करोड़ रुपये में खरीदा. जेट को 27 विमान मिले जिनके दम पर उसे 12% मार्केट शेयर प्राप्त हुआ. कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भरनी शुरू कर दी.
  • 2007 :- 16 अप्रैल को एयर सहारा का नाम बदलकर जेटलाइट कर दिया गया. इन्हें सस्ते टिकट पर फुल सर्विस एयरलाइन के तौर पर चलाया जाने लगा.
  • 2008 :- अक्टूबर महीने में जेट ने अपने 13 हजार कर्मचारियों में से 1,900 की छंटनी कर दी. बाद में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के हस्तक्षेप पर इन्हें दोबारा नौकरी पर रखा गया.
  • 2012 :- जुलाई महीने में जेट डोमेस्टिक मार्केट शेयर के मामले में इंडिगो से पिछड़ गई.
  • 2013 :- नवंबर में यूएई के एतिहाद एयरलाइंस ने जेट का 24% शेयर खरीद लिया, गोयल के पास 51% हिस्सेदारी रही.
  • 2018 :- जेट एयरवेज के संकट के पहले संकेत तब मिले वित्त वर्ष 18 की चौथी तिमाही में 1,036 करोड़ रुपये की अप्रत्याशित हानि दर्ज की है. इसके बाद कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला.
  • जनवरी- मार्च 2019 :- जेट एयरवेज ने पैसों की कमी के कारण 100 से अधिक हवाई जहाजों को ग्रांउडेड कर दिया.
  • 25 मार्च 2019 :- नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल ने जेट एयरवेज के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने जेट में अपनी हिस्सेदारी भी घटा दी.
  • 08 अप्रैल 2019: जेट एयरवेज एयरलाइन में हिस्सेदारी के लिए एसबीआई ने ऋणदाताओं की बोलियां आमंत्रित कीं.
  • 17 अप्रैल 2019: जेट एयरवेज ने सभी परिचालनों को निलंबित कर दिया.

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