मुंबई: कोविड-19 महामारी की शुरुआत के साथ ही लॉकडाउन और घर से काम की चर्चा शुरू होने पर सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग काफी पशोपेश में था लेकिन लॉकडाउन का एक माह गुजर जाने के बाद उद्योग इस बदलाव को बेहतर मान रहा है और भविष्य में वह अधिक से अधिक लोगों को घर से ही काम की सुविधा दे सकता है.
देश के 180 अरब डॉलर के सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के समक्ष लॉकडाउन अवधि के दौरान कारोबार की निरंतरता सुनिश्चित करने की चुनौती थी. लेकिन आज एक माह बाद उद्योग के कार्यकारी इसे एक अवसर के रूप में देख रहे हैं.
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उनका मानना है कि वर्क फ्रॉम होम (डब्ल्यूएफएच) से जो लागत और उत्पादकता में लाभ का परिदृश्य उभरा है, उससे सिर्फ आईटी क्षेत्र को ही फायदा नहीं होगा. भविष्य में बैंकों सहित सेवा क्षेत्र की विभिन्न कंपनियो में दफ्तर में बैठकर काम करने वाले लोगों की संख्या काफी कम हो जाएगी.
देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के मुख्य कार्यकारी और प्रबंध निदेशक राजेश गोपीनाथन स्पष्ट करते हुए कहते हैं कि दशकों तक आईटी कंपनियों का मॉडल ऐसा था जिसमें कर्मचारी चौकोर छोटे कमरों में बैठकर काम करते हैं. लेकिन लॉकडाउन के बाद यह तेजी से वर्क फ्रॉम होम में बदल गया.