नई दिल्ली: केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने निर्वाचन आयोग की मंजूरी के साथ 2019-20 वित्त वर्ष के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के अंतर्गत मजदूरी दर बढ़ा दी है और राज्य सरकारों से ग्रामीण रोजगार योजना के अंतर्गत मजदूरी दर में वृद्धि का प्रचार नहीं करने को कहा है.
कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने लोकसभा चुनाव से चंद दिनों पहले मजदूरी दर बढ़ाने के लिए सरकार की आलोचना की है. सरकारी अधिसूचना के मुताबिक, मनरेगा के अंतर्गत मजदूरी पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल और गोवा को छोड़कर अधिकतर राज्यों में दो से 8.76 फीसदी तक बढ़ा दी गई है. इन चार राज्यों में 2019-20 वित्त वर्ष के लिए मजदूरी नहीं बढ़ाई गई है.
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मजदूरी बढ़ने वाले राज्यों में मिजोरम सबसे आगे है. यहां सबसे ज्यादा 8.76 फीसदी की वृद्धि के साथ मजदूरी दर 194 से बढ़कर 211 रुपये हो गई है. गुरुवार को राज्य सरकारों में वितरित हुई अधिसूचना के मुताबिक, मनरेगा के तहत सबसे ज्यादा दर 284 रुपये हरियाणा में है. जबकि बिहार और झारखंड में सबसे कम 171 रुपये है.