नई दिल्ली: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कहा है कि हाल में मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या में आई कमी चिंता की बात नहीं है और नियामक को किसी तरह का हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है. ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा ने कहा कि यह उतार-चढ़ाव न्यूनतम रिचार्ज प्लान की वजह से है और समय के साथ चीजें ठीक हो जाएंगी.
ट्राई के आंकड़ों के अनुसार देश में मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या 31 मार्च, 2019 को घटकर 116.18 करोड़ पर आ गई. यह इससे पिछले महीने की तुलना में 2.18 करोड़ की कमी है. मार्च के अंत तक देश में कुल फोन घनत्व घटकर 90.11 रह गया जो फरवरी के अंत तक 91.86 था.
ये भी पढ़ें:स्टार्टअप इंडिया में एक तिहाई लाभ महिलाओं को पहुंचाया जाएगा: डीपीआईआईटी सचिव
शर्मा ने हालांकि मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या में कमी को नजरअंदाज करते हुए कहा कि इस तरह का उतार-चढ़ाव कई कारणों से है. मसलन दूरसंचार आपरेटरों ने कनेक्शनों को सक्रिय रखने के लिए मासिक न्यूनतम रिचार्ज शुरू किया है. इससे ऐसे कनेक्शन हट गए हैं जो सक्रिय नहीं थे.
उन्होंने पीटीआई भाषा से कहा कि मुझे नहीं लगता है कि यह चिंता की बात है. यह पूछे जाने पर कि क्या नियामक इस मामले में हस्तक्षेप करेगा, शर्मा ने कहा कि हस्तक्षेप करने का सवाल नहीं खड़ा होता. ट्राई प्रमुख ने कहा कि जिस तरह से लोग डेटा सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं मुझे विश्वास है कि बाजार ठहरेगा नहीं.
ट्राई के आंकड़ों के अनुसार मार्च के अंत तक इससे पिछले महीने की तुलना में वोडाफोन आइडिया तथा भारती एयरटेल के मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या में क्रमश: 1.45 करोड़ और 1.51 करोड़ की कमी आई. वहीं माह के दौरान रिलायंस जियो ने 94 लाख नए ग्राहक जोड़े. मार्च, 2019 के अंत तक कुल मोबाइल ग्राहकों की संख्या घटकर 116.18 करोड़ पर आ गई, जो फरवरी के अंत तक 118.36 करोड़ थी.