नई दिल्ली:रेलवे माल ढुलाई के क्षेत्र में बेहतर बुनियादी सुविधाओं और कारोबार विकास योजना के बल पर अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने पर काम कर रहा है. इससे रेलवे को 2030 तक माल ढुलाई क्षेत्र में अपनी हिस्सेदारी मौजूदा 27 प्रतिशत से बढ़कर 45 प्रतिशत तक पहुंच जाने की उम्मीद है. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी के यादव ने शुक्रवार को यह कहा.
यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा रेलवे ने 2019 की समाप्ति पर वर्ष के दौरान कुल 470 करोड़ टन माल ढुलाई में से केवल 121 करोड़ टन माल की ही ढुलाई की. लेकिन 2024 के अंत तक उसकी कुल 640 करोड़ टन माल ढुलाई में से 202.40 करोड़ टन माल की ढुलाई करने की योजना है. इससे वर्ष 2030 तक रेलवे 45 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ सकेगा.
यादव ने कहा कि राष्ट्रीय रेल योजना के दृष्टिकोण 2024 के तहत रेलवे अपनी विभिन्न ढांचागत सुव़िधाओं का विस्तार करेगा और उन्हें मजबूत बनायेगा ताकि 2024 तक 202.40 करोड़ टन माल ढुलाई का लक्ष्य हासिल किया जा सके. इस लक्ष्य को पाने के लिये रेलवे 16,373 किलोमीटर नेटवर्क में एक से अधिक रेलवे लाइन बिछायेगा.
करीब 58 सुपर क्रिटिकल परियोजना को पूरा करेगा, वहीं 68 क्रिटीकल परियोजनाओं और 46 अधिक भीड़भाड़ नेटवर्क वाली 46 परियोजनाओं को पूरा करेगा. इसके अलावा 32 अन्य जयरी परियोजनाओं को भी पूरा किया जायेगा.
यादव ने कहा, "राष्ट्रीय रेल योजना का अंतिम मसौदा तैयार है और जल्द ही इसे संबद्ध पक्षों को उनके विचार जानने के लिये भेज दिया जायेगा. इसके बाद एक माह के समय में हम इसे अंतिम रूप दे सकेंगे. योजना के तहत माल ढुलाई में हम अपनी हिस्सेदारी को 2030 तक मौजूदा 27 प्रतिशत से बढ़ाकर 45 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं."
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि रेलवे कोयला खदानों से संपर्क वाली 20 अतिरिक्त परियोजनाओं को पूरा करने वाला है और दिसंबर 2023 तक रेलवे विद्युतीकरण की 146 परियोजनाओं को पूरा कर लिया जायेगा.