हैदराबाद: दूरसंचार विभाग को देश में 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू करनी चाहिए क्योंकि कई अन्य देशों के नियामकों ने पहले ही इसके लिए नीतियां बना ली हैं और स्पेक्ट्रम नीलामी शुरू कर दी है. आईटी क्षेत्र की कंपनी टेक महिंद्रा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह बात कही.
टेक महिंद्रा के अध्यक्ष (संचार कारोबार) तथा नेटवर्क सेवाओं के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मनीष व्यास ने कहा कि अभी देश के सभी हिस्सों में 4जी सेवा नहीं पहुंची है, हालांकि यह काम बड़े पैमाने पर किया गया है. वहीं दूसरी ओर 5जी परीक्षणों के लिए निश्चित रूप से कुछ हलचल दिख रही है.
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व्यास ने कहा कि प्रौद्योगिकी से ज्यादा इस मामले में बड़ी अड़चन 5 जी स्पेक्ट्रम को लेकर नियामकीय निकाय की नीति है. उन्होंने कहा कि दूरसंचार विभाग ने परीक्षण के रूप में जो लाइसेंस दिया है उसमें संशोधन की जरूरत है. जब तक कि ऐसा नहीं होता है, क्षेत्र को इंतजार करना होगा.
उन्होंने कहा कि अमेरिका, आस्ट्रेलिया, इटली, स्विट्जरलैंड, सऊदी अरब और कुछ अन्य देशों ने 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू कर दी है. वैश्विक स्तर पर नियामक 5जी के लिए के लिए मध्यम बैंक (3.5 गीगाहर्ट्ज) लाइसेंस दे रहे हैं. वहीं कुछ अन्य देशों में एमएमवेव स्पेक्ट्रम बैंड में लाइसेंस दिया जा रहा है.
पीटीआई भाषा को ई-मेल से भेजे जवाब मे उन्होंने कहा कि भारत में 5जी नेटवर्क शुरू करने के लिए सबसे पहले 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी जरूरी है. सब कुछ स्पेक्ट्रम पर ही निर्भर करेगा.
देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया ने हाल में कहा था कि 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी 2020 से पहले से नहीं की जानी चाहिए क्योंकि उद्योग को अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी के लिए भारत चीजों को भारत के अनुरूप करने की जरूरत है.