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कृषि पर राष्ट्रीय नीति चाहता है बीज उद्योग

एफएसआईआई ने, मुख्यमंत्रियों की उच्चस्तरीय समिति से अनुरोध किया है कि फसल की पैदावार और बढ़े हुए उत्पादन हेतु, जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए नया नियम बनाने की प्रक्रिया को तेज किया जाए.

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Published : Aug 21, 2019, 5:49 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 7:24 PM IST

कृषि पर राष्ट्रीय नीति चाहता है बीज उद्योग

हैदराबाद: फेडरेशन ऑफ सीड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एफएसआईआई ) ने, भारतीय कृषि में परिवर्तन करने के लिए मुख्यमंत्रियों की उच्चस्तरीय समिति को एक पत्र लिखा है कि, कृषि पर राष्ट्रीय नीति के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश करें जिस पर देश की 50 प्रतिशत आबादी निर्भर करती है.

एफएसआईआई ने, समिति से अनुरोध किया है कि फसल की पैदावार और बढ़े हुए उत्पादन हेतु, जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए नया नियम बनाने की प्रक्रिया को तेज किया जाए.

साथ ही सुझाव दिया कि, "कृषि पर एक राष्ट्रीय ई-नीति होनी चाहिए जो सभी राज्यों, राजनीतिक दलों तथा केंद्र को स्वीकार्य हो."

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एफएसआईआई के महानिदेशक राम कौंधिन्या ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि, बीज की गुणवत्ता को साबित करने के लिए अनुसंधान पर जोर होना चाहिए. विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित कृषि होनी चाहिए.

कृषि क्षेत्र के परिवर्तन और किसानों की आय बढ़ाने के लिए, निकाय ने सुझाव दिया कि सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली को समाप्त कर देना चाहिए.

साथ ही उन्होनें कहा कि, "कृषि-निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, बुनियादी ढांचे के निर्माण के अलावा, सरकार को कृषि-उत्पादन में बाजारों का हस्तक्षेप रोकने की आवश्यकता है."

पत्र में कहा गया है कि सरकार को एमएसपी और सब्सिडी से दूर हटना होगा और इसके बदले विकल्प प्रीमियम भुगतान का रास्ता अपनाना होगा.

Last Updated : Sep 27, 2019, 7:24 PM IST

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