मुंबई: रिलायंस इंस्ट्रीज (आरआईएल) के रिफाइनिंग कारोबार में सुस्ती की भरपाई खुदरा और दूरसंचार (जियो) कारोबार की मजबूती से होने से वित्त वर्ष 2020 में कंपनी की आय की रफ्तार में तेजी आएगी और 'लिवाली' की रेटिंग बनी रहेगी. यह अनुमान एचएसबीसी के विशेषज्ञों का है.
एचएसबीसी ने कहा है कि आरआईएल की आय का आउटलुक मजबूत है और कंपनी पहले के शेयर का मूल्य 1,500 रुपये के मुकाबले 1,512 रुपये के अद्यतन लक्ष्य के साथ 'लिवाली' की रेटिंग पर कायम है. इस समय कंपनी के शेयर का मूल्य 1,363.25 रुपये प्रति शेयर चल रहा है.
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एचएसबीसी ने कहा, "रिफाइनिंग की मार्जिन में कमजोरी की भरपाई खुदरा और दूरसंचार (जियो) की मजबूत वृद्धि से हुई. खुदरा और जियो दोनों का प्रदर्शन अच्छा है और अब आरआईएल की सम्मिलित आय (ब्याज, कर, अवमूल्यन, ऋणमुक्ति के पूर्व घटाने से पहले की आय) में इसका 25 फीसदी योगदान है."
एचएसबीसी ने कहा, "हमें उम्मीद है कि आरआईएल की आय की रफ्तार में वित्त वर्ष 2020 के दौरान तेजी आएगी. जो ऊर्जा और फीडस्टॉक की लागत में कमी आने से रिफाइनिंग और केमिकल्स की मार्जिन में वृद्धि और पेटकोक गैसीफायर में तेजी और आईएमओ-2020 से रिफाइनिंग कारोबार में आगामी अपसाइकलिंग से चालित होगी."
एचएसबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, आरआईएल की समेकित समायोजित निवल कर्ज वित्त वर्ष 2019 की तीसरी तिमाही के 42.7 अरब डॉलर से घटकर 33.2 अरब डॉलर रह गया है, क्योंकि इसने अपनी प्रमुख परिसंपत्तियों -फाइबर और टॉवर का नियंत्रण दो अलग-अलग इन्फ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट में हस्तांतरित करके दूरसंचार कारोबार (जियो) का रिस्ट्रक्चर किया है. इसमें 700 अरब रुपये का बाहरी दायित्व और 366 अरब रुपये का आरआईएल के निवेश का हिस्सा शामिल है.