नई दिल्ली: निर्यातकों का शीर्ष संगठन फियो ने मंगलवार को कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मझोले (एमएसएमई) उद्यमों के पास अप्रैल महीने के लिये अपने कर्मचारियों को वेतन देने को लेकर पर्याप्त नकदी नहीं है. ये इकाइयां ‘लॉकडाउन’ के कारण कोई भी कारोबारी गतिविधियां कर पाने में असमर्थ रही हैं. भारतीय निर्यातक संगठनों के महासंघ (फियो) ने यह बात दोहरायी है कि सरकार को तत्काल प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करनी चाहिए और विनिर्माण इकाइयों में आंशिक रूप से कामकाज शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
फियो के अध्यक्ष शरद कुमार सर्राफ ने एक बयान में कहा, "निर्यातकों खासकर एमएसएमई निर्यातकों के पास कर्मचारियों को अप्रैल महीने का वेतन देने के लिये नकदी नहीं है क्योंकि वे देशव्यापी बंद के दौरान कारोबार से जुड़ा कोई भी काम नहीं कर पा रहे हैं."
उन्होंने विनिर्माण क्षेत्र के चुनिंदा खासकर निर्यात इकाइयों को कामकाज की अनुमति देने के फैसले को टाले जाने को लेकर निराशा जतायी.
सर्राफ ने कहा, "हम प्रधानमंत्री के मंगलवार को सुबह राष्ट्र के नाम संबोधन में इस संदर्भ में कुछ घोषणा की उम्मीद कर रहे थे. अगर निर्यातक माल डिलिवरी के लिये निर्धारित समयसीमा का पालन नहीं करेंगे, तो उनके निर्यात आर्डर रद्द होंगे. इतना ही नहीं जुर्माना लगेगा और बाजार भी गंवाना पड़ेगा."