नई दिल्ली: लोकसभा ने सोमवार को विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान मांगों को मंजूरी देने के साथ ही 2020-21 के लिये संचित निधि से सरकार को राशि निकासी का अधिकार देने वाले विनियोग विधेयक को मंजूरी दे दी.
इस विधेयक में सरकार को उसके कामकाज और कार्यक्रमों तथा योजनाओं को अमल में लाने के लिये देश की संचित निधि से 110 लाख करोड़ रुपये निकालने के लिये अधिकृत करने का प्रावधान है. इसके साथ 2020-21 के बजट को मंजूरी देने की दो तिहाई प्रक्रिया पूरी हो गयी है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के एक फरवरी को पेश बजट पर लोकसभा और राज्यसभा ने मौजूदा सत्र के पहले चरण में चर्चा की. सत्र के दूसरे हिस्से में लोकसभा ने विनियोग विधेयक को पारित किया है. तीसरे चरण में वित्त विधेयक पर चर्चा की जाएगी और उसे मंजूरी दी जाएगी.
वित्त विधेयक में कर प्रस्तावों का ब्योरा होता है. लोकसभा में पारित विनियोग विधेयक में वित्त वर्ष 2020-21 के लिये 110.4 लाख करोड़ रुपये के व्यय के लिये सरकार को मंजूरी दी गयी है.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विभिन्न मंत्रालयों के लिये अनुदान मांगों को मंजूरी देने के लिये सदन में 'गिलोटिन' का रास्ता अपनाया। दरअसल अलग अलग मंत्रालयों की अनुदान मांगों पर चर्चा के लिये संसद के पास समय नहीं होता है.
ऐसे ऐसे में कुछ ही मंत्रालयों के खर्च या अनुदान मांगों को ही पहले से निर्धारित समय पर चर्चा के लिये रखा जाता है. इसके पूरा होने के बाद अन्य मंत्रालयों की अनुदान मांगों को एक साथ रखकर इसे पारित कराया जाता है जिसे गिलोटिन कहते हैं. आम बजट पारित कराने के दौरान इस प्रक्रिया का उपयोग सामान्य है.