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कोविड इफेक्ट से बाहर निकलते उद्योग जगत, 2021 में नियुक्तियां बढ़ाने की तैयारी

कोरोना का असर पूरे विश्व में देखने को मिला. एक तरफ जहां हजारों युवा बेरोजगार हो गए, वहीं दूसरी तरफ देश की जीडीपी भी 23.9 फीसदी गिरी. ऐसे में साल 2021 में कंपनियां अधिक लोगों को रोजगार देने की योजना बना रही हैं. इसकी जानकारी एक सर्वे से पता चली है. पढ़ें विस्तार से...

कोविड इफेक्ट
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Published : Dec 22, 2020, 11:02 PM IST

नई दिल्ली :कोरोना वायरस महामारी के दौरान घर से काम करने की नई व्यवस्था को अपनाने के बाद कंपनियां अब 2021 में नई नियुक्तियां करने और कर्मचारियों को बेहतर मेहनताना देने को लेकर आगे बढ़ रहीं हैं. कोरोना वायरस महामारी का भारतीय रोजगार परिदृष्य पर काफी बुरा असर पड़ा है.

कंपनियों के लिये उनके कर्मचारियों द्वारा घर से काम करना और दूर रहकर भी दफ्तर का काम करने की नई व्यवस्था सामान्य बन गई. पेशेवरों के लिये ऑनलाइन कामकाज और डिजिटल कौशल कंपनियों की सोच के केन्द्र में आ गया है. व्यवस्था चलाने में ऑनलाइन कार्य की महत्वपूर्ण भूमिका बन गई है.

वर्ष 2020 में ज्यादातर कंपनियों को अपनी नियुक्ति की योजना को नये सिरे से तैयार करना पड़ा. कोरोना वायरस के कारण आर्थिक परिवेश अनिश्चित बन गया. यात्रा, पर्यटन, होटल, खुदरा कारोबार, उड्डयन, रियल एस्टेट, निर्माण और आटोमोबाइल उद्योग इस दौरान बुरी तरह प्रभावित हुआ है. हालांकि वर्ष के उत्तरार्घ में आटोमोबाइल और खुदरा कारोबार की स्थिति में कुछ सुधार दिखा.

कंपनियां अपनी नियुक्ति योजना को लेकर लगातार सतर्क बनी हुई हैं और नये साल के दौरान उनकी इस योजना पर इसकी झलक दिखाई देती है.

टीमलीज सविर्सिज के व्यवसाय प्रमुख (नियुक्ति) देवल सिंह ने कहा कि बेशक बाजार में सकारात्मक संकेत हैं और करीब करीब सभी उद्योगों में नियुक्तियों के लेकर वृद्धि का रुख दिखाई देता है लेकिन यह काम सतर्कता बरतते हुये हो रहा है.

उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर लॉकडाउन के दौरान 11 प्रतिशत नियुक्ति थी वह वित्त वर्ष की पहले छमाही में बढ़कर 18 प्रतिशत पर पहुंच गई और यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है.

सिंह के मुताबिक लॉकडाउन के दिनों के मुकाबले रोजगार के अवसरों में 50 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है. दिवाली के बाद ज्यादातर कंपनियों में वेतन कटौती समाप्त हो गई है और कुछ में बोनस का भी भुगतान किया गया है. प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कुछ कंपनियों ने तो कर्मचारियों की समय से पहले वेतन वृद्धि की भी घोषणा की है.

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मैनपॉवर समूह रोजगार परिदृश्य के ताजा सर्वेक्षण में कहा गया है कि कार्पोरेट इंडिया में सुधार के मजबूत संकेत दिखाई दे रहे हैं. कंपनियां 2021 के पहले तीन माह में दिसंबर तिमाही के मुकाबले अधिक लोगों को रोजगार देने की योजना बना रही हैं. समूह के सर्वेक्षण में देशभर के 1,518 नियोक्ताओं को शामिल किया गया है.

विशेषज्ञों का कहना है कि घर पर रहकर दफ्तर का काम करने की नई व्यवस्था ने कर्मचारियों के साथ साथ नियोक्ताओं के लिये भी नये अवसरों के द्वार खोल दिये हैं. इसके बाद अब कोविड- 19 से पूर्व की स्थिति में ज्यों का त्यों जाने की संभावना नहीं दिखाई देती है. भारतीय कार्यबल के कामकाज की स्थिति में 2020 में जो डिजिटल बदलाव आया है वह 2021 और उसके आगे भी और आगे बढ़ने की उम्मीद है.

वर्ष 2020 में भारतीय कंपनियों, संगठनों के लिये कर्मचारियों की नियुक्ति, साक्षात्कार और अन्य कार्यों के लिये प्रौद्योगिकी आधारित निदान को देखने परखने, अपनाने और शुरुआती परीक्षण करने का भी अवसर मिला है. जिन प्रोद्योगिकीयों को अपनाने के लिये 2019 में केवल बातें होतीं थी कोरोना वायरस के काल में उन्हें तुरंत अमल में ला दिया गया. वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये साक्षात्कार, कृत्रिम मेधा आधारित पहचान प्रौद्योगिकी तथा और भी कई नई प्रौद्योगिकी इस दौरान अमल में लाई गई.

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ग्लोबल हंट के प्रबंध निदेशक सुनील गोयल ने कहा कि वर्ष 2020 एचआर कामकाज के मामले में बड़ी सीख देने वाला साल रहा. इस साल ने उन लोगों को काफी कुछ दिया जिन्होंने इस दौरान मेहनत की जो, नहीं कर पाये उन्हें खास नुकसान उठाना पड़ा. वर्ष 2021 में ऑटोमेशन की तरफ हमारा ध्यान रहेगा. ऐसे क्षेत्रों में जहां कंपनी की भौतिक रूप से उपस्थिति नहीं होगी उन स्थानों पर नियुक्तियां बढ़ेंगी. फ्रीलांसिंग और तय अवधि वाली नियुक्तियों की संख्या बढ़ेगी.

गोयल आने वाले समय में रोजगार बाजार को लेकर काफी आशान्वित हैं. उनका कहना है कि नियुक्तियां बढ़ेंगी. कई कंपनियां इसकी योजना बना रही हैं. एक सर्वे के मुताबिक 87 प्रतिशत कंपनियां 2021 में वेतन बढ़ाने की तैयारी कर रही है जबकि 2020 में 71 प्रतिशत की ही ऐसी योजना थी. इसके मुताबिक 2021 में औसतन 7.3 प्रतिशत वेतन वृद्धि दी जायेगी, जबकि 2020 में 6.1 प्रतिशत वेतन वृद्धि दी गई थी. यह वृद्धि 2009 के बाद सबसे कम थी.

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