नई दिल्ली: श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने शनिवार को कहा कि कृषि मंत्रालय का बजट, वर्ष 2009-10 में यूपीए शासन के दौरान के 12,000 करोड़ रुपये से 11 गुना बढ़कर 1.34 लाख करोड़ रुपये हो गया है. यह किसानों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर लगातार निशाना साधा जा रहा है.
इन कानूनों का उद्देश्य किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए विपणन की स्वतंत्रता देना है. हालांकि, ऐसी आशंकाएं हैं कि किसानों को उनकी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था समाप्त कर दी जायेगी. एमएसपी वह मूल्य है जो सरकार, किसानों को उनकी उपज के लिए सुनिश्चित करती है.
कृषि मंत्रालय के बजट में वृद्धि, समर्थन मूल्य पर खाद्यान्नों और अन्य कृषि उपज की खरीद पर सरकारी खर्च में काफी वृद्धि का संकेत देती है. एमएसपी किसानों को बाजार में उतार-चढ़ाव से बचाता है.
मंत्री ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2014 में पदभार संभालने के बाद से गांवों, किसानों, गरीबों और कृषि की निरंतर प्रगति हुई है."
उन्होंने कहा, "वर्ष 2009-10 में कृषि मंत्रालय का बजट सिर्फ 12,000 करोड़ रुपये था, जिसे 11 गुना बढ़ाकर 1.34 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है."
वह पीएचडीसीसीआई द्वारा आयोजित - "पूंजी बाजार और जिंस बाजार पर वर्चुअल वार्षिक सम्मेलन: आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में वित्तीय बाजार की भूमिका" विषय पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों से किसानों को बहुत लाभ होगा क्योंकि वे अपनी उपज को अन्य राज्यों में भी बेहतर कीमतों पर बेच सकेंगे.