कोलकाता: ई- सिगरेट व्यापारियों के एक संगठन ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर केन्द्र द्वारा ई- सिगरेट पर लगाई गई रोक के मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया है. संगठन के एक पदाधिकारी ने यह जानकारी दी.
केन्द्र सरकार ने हाल में इलेक्ट्रोनिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम्स यानी ई- सिगरेट पर राष्ट्रव्यापी स्तर पर रोक लगा दी है. इस मामले में व्यापारियों ने राज्य सरकारों से हस्तक्षेप का आग्रह किया है.
ई- सिगरेट के व्यापार प्रतिनिधियों ने सभी मुख्यमंत्रियों को इस संबंध में पत्र लिखा है. उन्हें उम्मीद है कि कम से कम गैर-भाजपा शासित राज्यों से उन्हें सहयोग मिलेगा.
ई-सिगरेट पर लगी रोक हटाने के लिये व्यापारियों ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखा पत्र
केन्द्र सरकार ने हाल में इलेक्ट्रोनिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम्स यानी ई-सिगरेट पर राष्ट्रव्यापी स्तर पर रोक लगा दी है. इस मामले में व्यापारियों ने राज्य सरकारों से हस्तक्षेप का आग्रह किया है.
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ई- सिगरेट कारोबार करने वालों ने राज्यों से आग्रह किया है कि वह स्वतंत्र रूप से अध्ययन कर ई- सिगरेट के प्रभाव का आकलन करें और तर्कसंगत फैसले पर पहुंचे.
संगठन के संयोजक प्रवीण रिखी ने बताया, "स्वास्थ्य राज्य का विषय है. राज्यों के स्वास्थ्य विभाग को ई-सिगरेट मामले में अध्ययन के लिये केन्द्र की अनुमति लेनी चाहिये और इस संबंध में स्वतंत्र निर्णय पर पहुंचना चाहिये. हमने इस बारे में मुख्य मंत्रियों को पत्र लिखा है और उम्मीद है कि कम से कम गैर- भाजपा शासित राज्यों से हमें जवाब मिलेगा."
केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने सितंबर माह में ई- सिगरेट के उपयोग पर पूरी तरह से रोक लगा दी. केन्द्र ने ई-सिगरेट तथा ऐसे ही मिलते जुलते उत्पादों के उत्पादन, आयात, बिक्री और वितरण पर स्वास्थ्य जोखिम को देखते हुये पूरी तरह रोक लगा दी है.
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