नई दिल्ली : लखीमपुर घटना में गाड़ी से कुचले गए मृतक किसानों के परिवार से मिलने उत्तर प्रदेश गए योगेंद्र यादव मानवता के नाते घटना में बर्बरता से मौत के घाट उतार दिये गए भाजपा कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के घर मिलने गए. इस पर संयुक्त किसान मोर्चा ने उन्हें मोर्चे से एक माह के लिये सस्पेंड कर दिया.
गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा यह निर्णय घोषित किये जाने के बाद से ही सवाल उठने लगे कि यदि योगेंद्र यादव अपने निजी संवेदना के नाते मृतक भाजपा कार्यकर्ता के परिवार से मिलने गए, तो इसमें गलत क्या है और निलंबन के बाद योगेंद्र यादव का अगला रुख अब क्या होगा? इन तमाम सवालों के जवाब उन्होनें ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए दे दिये हैं.
योगेंद्र यादव ने कहा है कि जब आंदोलन सामूहिक होता है, तो बहुत सारे निर्णय आपसी बातचीत और सहमती से लेने पड़ते हैं. उनसे गलती हुई कि शुभम मिश्रा के परिजनों के पास जाने की बात उन्होने मोर्चा के समक्ष नहीं रखी. अब उन्हें संयुक्त किसान मोर्चा का निर्णय स्वीकार है और वह बाहर से ही सही एक महीने आंदोलन के लिये काम करते रहेंगे.
हालांकी योगेन्द्र यादव के मृतक भाजपा कार्यकर्ता के घर जाने से ज्यादा उनके ट्वीट की चर्चा है, जिसमें परिवार से मिलने के बाद उन्होंने अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं.
योगेंद्र यादव ने परिवार का हवाला देते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं द्वारा भाजपा कार्यकर्ता की हत्या को 'एक्शन का रिएक्शन' कहने पर सवाल उठाए थे और शायद यही उनके निलंबन का मुख्य कारण रहा क्योंकि उन्होने मोर्चा के नेताओं के बयान पर ही अप्रत्यक्ष आपत्ती जता दी.