बेंगलुरु : पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा के बेटे एवं पार्टी की प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने मंगलवार को कहा कि राजनीति में सत्ता और पद ही अंतिम लक्ष्य नहीं है. कर्नाटक में आगामी विधानपरिषद चुनाव के लिए विजयेंद्र को उम्मीदवार नहीं बनाने के भारतीय जनता पार्टी के फैसले के बाद उनका यह बयान आया. उन्होंने अपने समर्थकों और शुभचिंतकों से पार्टी के फैसले का सम्मान करने का आग्रह किया. उन्होंने इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर या अन्यत्र कोई अनावश्यक टिप्पणी नहीं करने की भी अपील करते हुए कहा कि यह न सिर्फ पार्टी की छवि खराब करेगा, बल्कि येदियुरप्पा और उनकी भावनाओं को भी आहत करेगा.
विजयेंद्र ने एक अपील में कहा, 'जब से मैं राजनीति में आया हूं, मेरी पार्टी और हमारे नेतृत्व ने हमेशा ही मुझे प्रेरित किया और मेरे साथ खड़ी रही. मुझे पार्टी की प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष के तौर पर काम करने का अवसर दिया गया. मैं सभी कार्यकर्ताओं और अपने समर्थकों से यह समझने की अपील करता हूं कि सत्ता और पद राजनीति में अंतिम लक्ष्य नहीं है.
कर्नाटक विधान परिषद की सात सीटों के लिए तीन जून को होने वाले द्विवार्षिक चुनाव में विजयेंद्र को उम्मीदवार बनाने की पार्टी की प्रदेश इकाई की सिफारिश को नजरअंदाज कर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने आज पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं पार्टी के उपाध्यक्ष लक्ष्मण सावदी, पार्टी की प्रदेश सचिव हेमलता नायक और एस केशवप्रसाद तथा एससी (अनुसूचित जाति) मोर्चा के अध्यक्ष सी नारायणस्वामी की उम्मीदवारी की घोषणा की. नामांकन पत्र भरने की समय सीमा मंगलवार को समाप्त होने से कुछ ही घंटे पहले चार उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई.