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सागर हत्याकांड : पहलवान सुशील कुमार को 6 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया - Wrestler Sushil Kumar custody

दिल्ली पुलिस ने 12 दिनों की पुलिस हिरासत की मांग की थी, लेकिन रोहिणी कोर्ट ने सुशील कुमार को 6 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. दिल्ली पुलिस के वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि सीन को रिक्रिएट करने के लिए सुशील कुमार की हिरासत में पूछताछ जरूरी है. इस घटना में असोदा गैंग के बदमाशों को हायर किया था. दो बदमाश शालीमार बाग से और तीन बदमाश मॉडल टाउन से बुलाए गए थे.

रेसलर सुशील कुमार न्यायिक हिरासत
रेसलर सुशील कुमार न्यायिक हिरासत

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Published : May 23, 2021, 7:43 PM IST

Updated : May 23, 2021, 8:47 PM IST

नई दिल्ली:सागर पहलवान हत्याकांड में आरोपी रेसलर सुशील कुमार को कोर्ट ने 6 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने 12 दिनों की पुलिस हिरासत की मांग की थी. दिल्ली पुलिस के वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि सीन को रिक्रिएट करने के लिए सुशील कुमार की हिरासत में पूछताछ जरूरी है.

इस घटना में असोदा गैंग के बदमाशों को हायर किया था. दो बदमाश शालीमार बाग से बुलाए गए थे और तीन बदमाश मॉडल टाउन से बुलाए गए थे. सोनू के यहां सुशील कुमार की पत्नी के फ्लैट का बकाया था. बकाया रकम वसूलने के लिए सुशील कुमार ने बदमाशों को बुलाया था.

दिल्ली पुलिस के वकील अतुलश्रीवास्तव ने कहा कि सुशील कुमार छत्रसाल स्टेडियम के ओएसडी के पद पर कार्यरत था. सीसीटीवी फुटेज को नष्ट कर दिय गया है, उसे रिकवर करना है. पीड़ितों को जानवरों की तरह पीटा गया. आरोपियों ने जो कपड़े पहने थे वो बरामद करने हैं. हथियार भी बरामद करने हैं. कोर्ट ने इनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया था. श्रीवास्तव ने कहा कि सुशील कुमार की अग्रिम जमानत याचिका सेशंस कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कई स्थानों पर सुशील कुमार को लेकर जाना है. कोरोना के संकट में सब कुछ पता करने में समय लगेगा, इसलिए 12 दिनों की हिरासत की जरूरत है.

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सुशील कुमार की ओर से वकील विक्रम सिंह जाखड़ ने कहा कि एफआईआर में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं है कि सुशील औऱ सोनू में बकाया का विवाद था. जो दस्तावेज और मोबाइल बरामद करना है वो एक दिन का काम है. पुलिस पांच गाड़ियों को रिकवर कर चुकी है. जब सब कुछ रिकवर किया जा चुका है तो 12 दिनों की हिरासत की क्या जरूरत है. सुशील कुमार के पास जो हथियार हैं, वो दिल्ली सरकार ने दिया है. सरकार कहेगी तो दो मिनट में हथियार सरेंडर हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि एफआईआर में कहा गया है कि डंडा लगने से मौत हुई. तो क्या हथियार के रूप में डंडा को रिकवर करना है.

अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि साक्ष्य देने का भार पुलिस पर है. वो भी 15 दिनों तक ही हम मांग कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी आपने सरेंडर नहीं किया, पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ये बताता है कि आरोपी किस तरह पुलिस को सहयोग कर रहा है.

Last Updated : May 23, 2021, 8:47 PM IST

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