कैथल :हरियाणा के कैथल जिले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर पर बनाए गए ऑनलाइन पोर्टल के बावजूद, बिना किसी आदेश के जिले में सीएमओ कार्यालय से ऑफलाइन प्रमाण पत्र बना दिया गया. जिसमें एक महिला को कोविशील्ड वैक्सीन लगा हुआ बता दिया गया. जबकि उसे कोवैक्सीन की डोज लगी थी.
जांच करने पर नहीं मिला रिकॉर्ड अब महिला को यदि दूसरी डोज में कोविशील्ड दी गई, तो ये उसकी जान के लिए भी खतरनाक हो सकती है. महिला ने मोबाइल से रजिस्ट्रेशन के बाद 14 मई को अपनी मां सहित कोरोना की वैक्सीन लगवाई थी. कांग्थली अस्पताल में वैक्सीन का कैंप लगा था. जहां 18 से 45 वर्ष वालों को कोवैक्सीन जबकि 45 वर्ष से ऊपर वालों को कोविशील्ड वैक्सीन लगाई जा रही थी.
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मतलब ये कि महिला को कोवैक्सीन और उसकी उसकी मां को कोविशील्ड का टीका लगाया गया. इसके बाद कोविन एप पर पंजीकरण के बाद उसकी मां का तो प्रमाण पत्र अपलोड हो गया, जिसमें सारी की सारी जानकारी सही है. चार दिन बाद तक भी जब महिला का प्रमाण पत्र अपलोड नहीं हुआ तो उसने विभाग से संपर्क किया. महिला ने कहा कि मैं सरकारी कर्मचारी हूं इसलिए मुझे प्रमाण पत्र की जरूरत है.
महिला के मुताबिक, विभागीय कर्मचारियों को उसके टीकाकरण का रिकॉर्ड ही नहीं मिला. जब बड़े अधिकारियों को सूचित किया गया तो संबंधित कर्मचारी ने ऑफलाइन प्रमाण पत्र बनाकर दे दिया. जिसमें उसके पंजीकरण का नंबर का मिलान नहीं हो रहा. उस प्रमाण पत्र में महिला का नाम भी गलत लिखा गया और वैक्सीन कोविशील्ड लिखी गई है. जबकि महिला को कोवैक्सीन लगाई गई है. महिला ने कहा कि अभी तक ये जानकारी सामने नहीं आई है कि ऑनलाइन पोर्टल के अलावा ऑफलाइन प्रमाण पत्र भी जारी हो रहे हैं या नहीं.
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वहीं उपायुक्त कैथल ने मामले को देखते हुए तुरंत दो सदस्यों की कमेटी बनाई है. जिसमें एक एचसीएस अधिकारी सतेंद्र सिवाच तथा कैथल सिविज सर्जन को इस जांच का जिम्मा सौंपा है और 3 दिन में इसका जवाब मांगा है. उपायुक्त ने जवाब आने पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है. जांच अधिकारी सतेंद्र सिवाच ने बताया कि सरकार के दिशा निर्देशों अनुसार, ऑफलाइन टीकाकरण नहीं किया जा सकता. अगर ऐसा किया गया है तो दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
सिविल सर्जन को नहीं जानकारी
इस बारे में जब सिविल सर्जन कैथल ओम प्रकाश से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उस दिन कैंप में वैक्सीन की कितनी डोज भेजी गई हैं इस बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है. इस बारे में उनका नोडल अधिकारी ही बता सकता है, लेकिन उन्होंने कहा है कि अगर यहां गलतियां हुई है तो कार्रवाई जरूर होगी.