नई दिल्ली : अनफिट वाहनों निजी वाहनों के लिए 15 साल और कमर्शियल वाहनों के लिए 10 साल के लिए सरकार की तरफ से लाई गई स्क्रैपिंग पॉलिसी को लेकर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और परिवहन राज्य मंत्री वीके सिंह ने प्रेस वार्ता कर बताया कि स्क्रैपिंग पॉलिसी को काफी पारदर्शी बनाया गया है और लोगों के लिए काफी सरल होगी, ताकि उन्हें अपने पुराने वाहनों को डिस्पोज करने में ज्यादा कठिनाइयों का सामना ना करना पड़े.
उन्होंने कहा कि यह मामला पारदर्शी हो इसलिए सभी चीजों को ऑनलाइन रखा जाएगा. साथ ही उन्होंने दावा किया कि इससे वाहनों की कीमत में भी 20 से 35 फीसदी तक कमी आने की संभावना है. साथ ही मंत्रालय ने यह भी दावा किया कि लगभग एक करोड़ गाड़ियां स्क्रेप्पिंग के लिए तैयार हैं.
परिवहन मंत्रालय ने बताया कि इस नीति के तहत जो स्क्रैपिंग की जाएगी, वह वैज्ञानिक तरीके पर आधारित है, जिसमें इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि रीसाइकिल व रीयूज करने की बातों को भी ध्यान में रखा जाए. इसमें सभी आवेदन सिंगल विंडो ही मंगाए जाएंगे ताकि लोगों को इसमें कोई दिक्कत ना हो. इसमें आरटीओ जाने की जरूरत नहीं होगी और इलेक्ट्रॉनिक तरीके से इसका इंप्लीमेंटेशन हो जाएगा.
इसमें निजी निवेशकों के लिए भी आरवीएसएफ में आकर्षक निवेश की योजनाएं बनाई जाएंगी, फिटनेस टेस्टिंग प्रक्रिया को ज्यादा पारदर्शी बनाने के लिए भी ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशनों की स्थापना की जा रही है और अगले चार-पांच महीनों में 75 स्टेशन बनाए जाने की योजना है और जरूरत पड़ी तो उससे भी ज्यादा स्टेशन बनाए जाएंगे.
इस मौके पर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि हमारे देश का परिवहन का टर्नओवर 7:30 लाख करोड़ है, जिसमे में साढ़े तीन लाख करोड़ लगभग एक्सपोर्ट होता है. साथ ही उन्होंने कहा कि करीब 75लाख लोग डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रूप से परिवहन क्षेत्र में रोजगार से भी जुड़े हुए हैं.
उन्होंने दावा किया कि सीएनजी, एलएनजी और ग्रीन नाइट्रोजन जिस पर हम काम कर रहे हैं. उससे कुछ जल्दी ही हमारा देश वर्ल्ड का नंबर एक मनु फैक्चरिंग हब बनेगा. नितिन गडकरी ने कहा कि यहां हमें बताना होगा कि हमारे देश में एलुमिनियम, कॉपर सभी हैं ,लेकिन हम यह बाहर से इंपोर्ट करते हैं, इसी तरह से अन्य चीजें भी है लेकिन हम बाहर से एक्सपोर्ट करते हैं, ऐसे लगभग तीन लाख करोड़ चीजें हम इम्पोर्ट करते हैं और स्क्रैपिंग पॉलिसी लागू होने से ये संख्या काफी कम होगी.
उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल मार्केट में हमसे ज्यादा संभावना है और इस वजह से हमारा एक्सपोर्ट बढ़ा है, उन्होंने कहा कि मार्किट कीमत के अनुसार ही स्क्रैप की कीमत तय की जाएगी. उन्होंने कहा कि हमारे यहां जो स्टील की कीमत है वह लगभग दोगुनी बढ़ी है और इसकी मुख्य वजह आयरन और स्टील की कमी है, लेकिन जो यह स्क्रैपिंग होगी उससे हमें वेस्ट के रूप में स्टील मिलेगी उसकी स्क्रैपिंग करके हम इस मांग को पूरा करेंगे.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस स्क्रैपिंग पॉलिसी आने की वजह से जो हम अपने देश में वाहन इस्तेमाल कर रहे हैं उसमें 25 से 35% तक वाहनों की कीमत में कमी आ सकती है. उन्होंने कहा कि अपने देश में परिवहन उद्योग में ग्रोथ में काफी बढ़ोतरी हुई है और इस स्क्रैपिंग पॉलिसी को लाने के बाद हमें अल्मुनियम कॉपर और स्टील अपने देश में ही अधिकता हो जाएगी, जिससे वाहनों की कीमत में कमी आएगी क्योंकि इसकी री साइकिल और री यूज़ की वजह से हमें बहुतायत में यह धातु मिलेंगे जिससे इनके इंपोर्ट कम होंगे.