कोलकाता : पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी (Leader of opposition in West Bengal Suvendu Adhikari) ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को पत्र लिखकर चिंता व्यक्त की कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) उच्च पदों पर आसीन लोगों और एक दशक पुराने शारदा चिटफंड घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है. अपने पत्र में, अधिकारी ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) करोड़ों रुपये के घोटाले की 'सबसे बड़ी लाभार्थी' थीं, लेकिन सीबीआई उनके पद के कारण उनके खिलाफ कार्रवाई करने में संकोच कर रही है.
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इस पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा में शामिल होने से पहले बनर्जी के मंत्रिमंडल में मंत्री रहे अधिकारी का नाम खुद शारदा प्रमुख सुदीप्त सेन द्वारा घोटाले के मुख्य लाभार्थियों में से एक के रूप में नामित किया गया था. अधिकारी ने पत्र में आरोप लगाया, 'सीबीआई को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, क्योंकि यह एक घोटाला था, जिसमें उच्च पदों पर बैठे लोगों के संरक्षण के कारण कथित रूप से जनता से एकत्र किये गये हजारों करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप था.'
उन्होंने लिखा, 'सीबीआई से व्यवस्था में सर्वोच्च पद पर आसीन व्यक्ति पर शिकंजा कसने की उम्मीद थी.' अधिकारी ने आरोप लगाया कि शारदा के साथ बनर्जी का संबंध उस समय से है जब वह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की दूसरी सरकार में रेल मंत्री थीं. उन्होंने लिखा है, 'क्या इसीलिए सीबीआई हिचकिचा रही है? या उनकी (बनर्जी की) कुर्सी की ऊंचाई ने उन्हें उनके खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर अनिच्छुक बना दिया है?'