शिमला: हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष सुरेश कश्यप की ओर से इस्तीफे की पेशकश की गई है. सूत्रों के मुताबिक सुरेश कश्यप ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपना इस्तीफा भेज दिया है. हालांकि इस्तीफे पर फैसला होने अभी बाकी है. दरअसल शिमला लोकसभा सीट से सांसद सुरेश कश्यप का कार्यकाल वैसे तो जनवरी 2023 में खत्म हो गया है. वो अगला लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं, इसलिये उन्होंने पद से मुक्त होने की इच्छा जताई है. बीजेपी के आंतरिक सूत्रों के मुताबिक सुरेश कश्यप ने जेपी नड्डा से मिलकर पद छोड़ने की इच्छा जताते हुए त्याग पत्र सौंपा है. जिसपर अभी पार्टी आलाकमान को फैसला लेना है.
इस्तीफे की खबरों के बीच अस्पताल में भर्ती हुए कश्यप- हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की खबरों के बीच सुरेश कश्यप दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हैं. बताया जा रहा है कि अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया. बताया जा रहा है कि शुगर लेवल कम होने की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
सुरेश कश्यप ने की इस्तीफे की पेशकश, फिलहाल दिल्ली के RML अस्पताल में भर्ती सुरेश कश्यप के इस्तीफे की खबरों के बीच दूसरी ओर सियासी गलियारों में नए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की रेस सोशल मीडिया पर शुरू हो गई है. नगर निगम शिमला के चुनाव सिर पर हैं, 2 मई को वोटिंग होनी है और पार्टी को नए मुखिया की तलाश करनी पड़ रही है. वैसे तो इस रेस में कई नाम चल रहे हैं लेकिन चर्चा है कि पार्टी इस बार कांगड़ा जिला को सरदारी सौंप सकती है.
विपिन सिंह परमार- पिछली सरकार में विधानसभा अध्यक्ष और मौजूदा समय में कांगड़ा जिले की सुलह सीट से विधायक विपिन सिंह परमार इस रेस में सबसे आगे माने जा रहे हैं. कांगड़ा प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है और इस जिले को पार्टी संगठन में प्रतिनिधित्व देना ही परमार को रेस में होने की सबस बड़ी वजह है. विपिन सिंह परमार छात्र राजनीति से चुनावी राजनीति में आए हैं और संगठन के काम को अच्छे से समझते हैं.
रणधीर शर्मा और विपिन परमार रणधीर शर्मा- बिलासपुर जिला की श्री नैनादेवी सीट से विधायक रणधीर शर्मा का नाम भी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की रेस शामिल हैं. रणधीर शर्मा भी कुशल संगठनकर्ता माने जाते हैं. रणधीर शर्मा तीसरी बार विधायक बने हैं.
सतपाल सत्ती- इस रेस में एक बार फिर हिमाचल बीजेपी के सबसे सफर अध्यक्ष रहे सतपाल सत्ती का नाम भी शामिल है. सतपाल सत्ती साल 2010 से 2020 तक एक दशक तक प्रदेश अध्यक्ष रहे. सतपाल सत्ती वर्तमान में चौथी बार ऊना से विधायक हैं. 2017 में चुनाव हारने से पहले से वो 2003, 2007 और 2012 में लगातार विधानसभा पहुंचे. उनकी अगुवाई में पार्टी ने कई चुनाव जीते, जिनमें 2017 का विधानसभा और 2014, 2019 का लोकसभा और 2017 का शिमला नगर निगम चुनाव मुख्य है. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए उनके नाम को नकारा नहीं जा सकता है.
सतपाल सत्ती और इंदू गोस्वामी इंदू गोस्वामी- इस सूची में इकलौती महिला नेत्री इंदू गोस्वामी हैं. जो वर्तमान में हिमाचल से राज्यसभा सांसद हैं. 2017 में विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद पार्टी आलाकमान ने उनपर भरोसा जताते हुए उन्हें राज्यसभा भेजा है. केंद्रीय नेतृत्व का उनपर भरोसा उन्हें इस रेस में बनाए हुए है.
राजीव बिंदल और सिकंदर कुमार कुछ और भी नाम हैं- नए अध्यक्ष की रेस में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल का भी नाम है. वहीं पिछले साल दलित चेहरे के रूप में राज्यसभा भेजे गए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर सिकंदर कुमार का नाम भी इस रेस में माना जा रहा है. हालांकि इन दोनों के नाम रेस में इंदू गोस्वामी, सतपाल सत्ती, विपिन परमार और रणधीर शर्मा से पीछे ही हैं. गेंद अब केंद्रीय आला कमान के गेंद में है और सुरेश कश्यप का इस्तीफा स्वीकर होता है तो निगम चुनाव से पहले हिमाचल बीजेपी को नया अध्यक्ष मिल सकता है.
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