हैदराबाद : तालिबान ने मंगलवार को अफगानिस्तान की कार्यवाहक सरकार के मंत्रिमंडल की घोषणा करते हुए मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है. तालिबान के सह-संस्थापक अब्दुल गनी बरादर उपनेता होंगे और अमेरिका द्वारा आतंकवादी संगठन के रूप में नामित हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक के बेटे सिराजुद्दीन हक्कानी नए गृह मंत्री होंगे. आइए हम आपकों मोहम्मद हसन अखुंद के बारे में विस्तार से बताते हैं..
कौन है मुल्ला हसन अखुंद
तालिबान प्रमुख हिबतुल्लाह अखुंदजादा के अनुसार, मुल्ला अखुंद ने रहबारी शूरा के प्रमुख के रूप में 20 साल तक काम किया और खुद के लिए बहुत अच्छी प्रतिष्ठा अर्जित की. वह एक सैन्य पृष्ठभूमि के बजाय एक धार्मिक नेता है और अपने चरित्र और भक्ति के लिए जाना जाता है.
वर्तमान में वह तालिबान के रहबारी शूरा का प्रमुख है, जिसे पाकिस्तान में क्वेटा में स्थित क्वेटा शूरा या नेतृत्व परिषद के रूप में जाना जाता है. हालांकि वह इसका नेतृत्व करता है, मगर सारी शक्ति तालिबान प्रमुख के पास है. वह तालिबान के जन्मस्थान कंधार से ताल्लुक रखता है और समूह के कई संस्थापकों में से एक है. वह पाकिस्तान के विभिन्न मदरसों में पढ़ा है और उसे कभी भी समूह में एक नेता के रूप में नहीं माना गया.
वास्तव में, हसन अखुंद को तालिबान के सबसे अप्रभावी नेताओं में से एक माना जाता है. उसे तालिबान के पिछले शासन में एक संक्षिप्त अवधि के लिए स्टॉप गैप व्यवस्था के अलावा कोई महत्वपूर्ण पद नहीं दिया गया था. वह वही था, जिसने मार्च 2001 में बामियान बुद्धों के विनाश की निगरानी की थी और वह अभी भी संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध है.
हसन अखुंद ने 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान की पिछली सरकार के दौरान विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया था.