अहमदाबाद:गुजरात में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं. हाल ही में 200 से ज्यादा डॉक्टर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं. 250 से अधिक प्रोफेसर पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं. कई वकील, पेंटर, चार्टर्ड अकाउंटेंट पहले ही गुजरात भाजपा में शामिल हो चुके हैं. भाजपा के डॉक्टर सेल, लीगल सेल और अन्य समूहों ने इन सभी को पार्टी में लाने में मदद की है. दरअसल भाजपा में व्यावसायिकता लाने का श्रेय लेने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब गुजरात का दौरा किया तो उन्होंने ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया. आज की राजनीति में भाजपा सबसे ज्यादा पेशेवर पार्टी भी है. महिला मोर्चा, खेदुत मोर्चा (Khedut Morcho), ओबीसी मोर्चा, एसटी मोर्चा, एससी मोर्चा, डॉक्टर सेल, कानूनी प्रकोष्ठ, और अन्य सहित इसके कई मोर्चों ने इस समस्या को उठाया और बुद्धिजीवियों को भाजपा से जोड़ने के लिए काम करना शुरू कर दिया.
भाजपा इसलिए ऐसा कर रही :'ईटीवी भारत' के राजनीतिक विश्लेषक हेमंत शाह ने कहा कि भाजपा पहले से पढ़े-लिखे वर्ग को आगे लाने का प्रयास कर रही है. यह कोई नई अवधारणा नहीं है. यह समाज का सबसे धनी और सबसे शक्तिशाली वर्ग है. इसमें दूसरे वर्ग के बारे में राय बनाने की क्षमता है. यह वर्ग दूसरों से अटूट रूप से जुड़ा हुआ है. जब हम किसी व्यक्ति को मतदान करने जाते देखते हैं तो हमारे दिमाग में भी ऐसा करने का विचार उठता है. यह भी अंदाजा लगाते हैं कि उसने किसको वोट दिया होगा. ये भाजपा की लोकप्रियता है, जो बढ़ रही है. अधिक सुविधाएं कौन नहीं चाहता?.
जब किसी पार्टी में शामिल लेने की बात आती है, तो पेशेवरों की अपनी अपेक्षाएं होती हैं. परिणामस्वरूप, व्यवसायी वर्ग बजट का अनुमान लगाता है. दूसरी ओर, यह परिकल्पना की गई है कि विभिन्न पेशेवर समूहों की सहायता के लिए विभिन्न नीतियों और कानूनों को अपनाया जाएगा. दूसरी ओर ये क्लास योगदान भी देता है. ऐसा भी माना जा रहा है कि सत्ता दल में शामिल होने से चिकित्सकों, वकीलों और चार्टर्ड एकाउंटेंट जैसे वर्गों पर किसी कार्रवाई का खतरा भी नहीं होगा.