दिल्ली

delhi

WB Kurmi Protest : ममता बनर्जी को लग सकता है झटका, कुर्मी आंदोलनकारियों ने सीपीएम से मांगा समर्थन

By

Published : Jun 1, 2023, 1:52 PM IST

पश्चिम बंगाल में कुर्मी समुदाय अनुसूचित जनजाति का दर्जा पाने के लिए लगातार आंदोलन कर रहा है. राज्य सरकार उनकी मांग मानने के लिए तैयार नहीं है. इस बीच आंदोलन करने वाले नेताओं ने सीपीएम से मदद मांगी है. नेताओं का कहना है कि अगर लेफ्ट पार्टियां उनकी मांग मानने का आश्वासन देती हैं, तो कुर्मी समुदाय खुलकर लेफ्ट का सपोर्ट करेगा.

Kurmi Protest, West bengal
कुर्मी आंदोलन, पश्चिम बंगाल

कोलकाता : सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे को पश्चिम बंगाल में अनुसूचित जनजाति के दर्जे के लिए आंदोलन कर रहे कुर्मी समुदाय का समर्थन मिलने की संभावना है. विरोध करने वाले कुर्मी नेताओं ने इस इस संबंध में हल्का इशारा किया है, बशर्ते वाम नेतृत्व पहले समुदाय के जारी आंदोलन के मुद्दे पर स्पष्ट रुख के साथ सामने आए.

माकपा की छात्र इकाई एसएफआई के राज्य सचिव श्रीजन भट्टाचार्य बुधवार की रात जब आदिवासी बहुल बांकुरा जिले में यात्रा कर रहे थे, उनके वाहन को आंदोलनकारी कुर्मी नेताओं ने रोक दिया. लेकिन भट्टाचार्य को किसी विरोध का सामना नहीं करना पड़ा. इसकी बजाय प्रदर्शनकारी कुर्मी नेताओं ने युवा छात्र नेता से चर्चा की गुहार लगाई.

बाद में सहमत होने के बाद, कुर्मी नेताओं ने पहले उन्हें आंदोलन के कारणों के बारे में बताया और फिर उनसे चल रहे आंदोलन पर उनकी पार्टी के रुख के बारे में पूछा. इसके बाद भट्टाचार्य को कुर्मी नेताओं को सीपीआई (एम) के राज्य सचिव एमडी सलीम और पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस सहित अपने उच्च नेतृत्व के साथ मामले को उठाने का आश्वासन देते हुए सुना गया. उन्होंने कुर्मी नेताओं को सलाह दी कि वे वाममोर्चा अध्यक्ष के पास विस्तार से अपनी बात रखें ताकि संबंधित विशेषज्ञों के साथ इस मामले पर चर्चा की जा सके.

साथ ही, भट्टाचार्य ने आंदोलनकारी नेताओं को यह भी आश्वासन दिया कि वाम दल इस मामले में शांतिपूर्ण आंदोलन के उनके अधिकारों को पूरी तरह से स्वीकार करते हैं. भट्टाचार्य को कृष्णपद महतो से कहते सुना गया, किसी भी मुद्दे पर शांतिपूर्ण आंदोलन के अधिकार को चुप कराने के लिए प्रशासन द्वारा बल प्रयोग का प्रयास करने पर हमारी पार्टी हर बार विरोध करेगी. हमारे नेतृत्व ने इस मामले में अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर दिया है. अनुसूचित जनजाति के दर्जे पर आपकी मांग के संबंध में मैं अभी इस स्थिति में नहीं हूं कि मैं इस मामले में अपनी पार्टी के विशिष्ट रुख की घोषणा कर सकूं. लेकिन निश्चित रूप से मैं इस मामले को अपने उच्च नेतृत्व के समक्ष उठाऊंगा.

बाद में महतो ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने भट्टाचार्य को समुदाय के आंदोलन के औचित्य के बारे में समझाया था. महतो ने कहा, उन्होंने हमें अपने उच्च नेतृत्व के साथ मामले को उठाने का आश्वासन दिया है। अब देखते हैं कि वे अगले चरण में क्या कहते हैं.

ये भी पढ़ें :ममता सरकार के खिलाफ कुर्मी समुदाय का प्रदर्शन, जनजाति का दर्ज हासिल करने को लेकर हो रहा विरोध

(आईएएनएस)

ABOUT THE AUTHOR

...view details