कोलकाता : सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे को पश्चिम बंगाल में अनुसूचित जनजाति के दर्जे के लिए आंदोलन कर रहे कुर्मी समुदाय का समर्थन मिलने की संभावना है. विरोध करने वाले कुर्मी नेताओं ने इस इस संबंध में हल्का इशारा किया है, बशर्ते वाम नेतृत्व पहले समुदाय के जारी आंदोलन के मुद्दे पर स्पष्ट रुख के साथ सामने आए.
माकपा की छात्र इकाई एसएफआई के राज्य सचिव श्रीजन भट्टाचार्य बुधवार की रात जब आदिवासी बहुल बांकुरा जिले में यात्रा कर रहे थे, उनके वाहन को आंदोलनकारी कुर्मी नेताओं ने रोक दिया. लेकिन भट्टाचार्य को किसी विरोध का सामना नहीं करना पड़ा. इसकी बजाय प्रदर्शनकारी कुर्मी नेताओं ने युवा छात्र नेता से चर्चा की गुहार लगाई.
बाद में सहमत होने के बाद, कुर्मी नेताओं ने पहले उन्हें आंदोलन के कारणों के बारे में बताया और फिर उनसे चल रहे आंदोलन पर उनकी पार्टी के रुख के बारे में पूछा. इसके बाद भट्टाचार्य को कुर्मी नेताओं को सीपीआई (एम) के राज्य सचिव एमडी सलीम और पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस सहित अपने उच्च नेतृत्व के साथ मामले को उठाने का आश्वासन देते हुए सुना गया. उन्होंने कुर्मी नेताओं को सलाह दी कि वे वाममोर्चा अध्यक्ष के पास विस्तार से अपनी बात रखें ताकि संबंधित विशेषज्ञों के साथ इस मामले पर चर्चा की जा सके.