कोलकाता :भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ( West Bengal BJP chief Sukanta Majumdar) को गिरफ्तारी के कुछ देर बाद ही रिहा कर दिया. मजूमदार को हावड़ा जाते वक्त पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. वह हिंसाग्रस्त हावड़ा जाने का प्रयास कर रहे थे. इससे पहले पुलिस ने हावड़ा जिले में कानून-व्यवस्था की मौजूदा स्थिति का हवाला देते हुए उन्हें हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने से रोक दिया था. उत्तर दिनाजपुर के बालुरघाट से सांसद मजूमदार को विद्यासागर सेतु पर स्थित एक टोल प्लाजा के पास से पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
हालांकि जिले में 13 जून तक इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही पंद्रह जून तक उलुबेरिया, डोमजूर और पंचला जैसे कई क्षेत्रों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गई है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हावड़ा में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू है जहां मजूमदार प्रवेश करने का प्रयास कर रहे थे. उनके दौरे से कानून व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति पैदा हो सकती थी. एहतियात के तौर पर उन्हें गिरफ्तार किया गया.' बता दें कि भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा और निष्कासित नेता नवीन जिंदल द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर शुक्रवार को हावड़ा जिले के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए थे. इसी क्रम में दूसरे दिन फिर हिंसक प्रदर्शन हुए.
इससे पहले मजूमदार ने अपने घर के बाहर पत्रकारों से कहा 'मैं हावड़ा जिले के उन इलाकों का दौरा करने वाला था, जहां हमारे पार्टी कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई और उन्हें आग के हवाले कर दिया गया. मैं जैसे ही निकलने वाला था, पुलिस ने मेरे घर के बाहर अवरोधक लगा दिए और मुझे घर से बाहर आने से रोक दिया.' उन्होंने कहा, 'मैं जानना चाहता हूं कि किस नियम के तहत मुझे हावड़ा जाने से रोका जा रहा है.'
वहीं तृणमूल कांग्रेस (TMC) के वरिष्ठ नेता और विधायक तापस राय ने आरोप लगाया कि उनकी यात्रा का इरादा सांप्रदायिक तनाव पैदा करना था. राय ने कहा 'पुलिस ने उन्हें रोककर सही काम किया.' हालांकि, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष हावड़ा जिले में प्रवेश कर गए और उन्होंने उन क्षेत्रों का दौरा किया, जहां पार्टी के कार्यालयों पर हमला किया गया था. घोष ने कहा 'मैंने उन इलाकों का दौरा किया, जहां हमारी पार्टी के कार्यालयों में तोड़फोड़ की गयी थी। यहां की अराजक स्थिति प्रशासन की विफलता को दर्शाती है.'