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Published : Feb 12, 2023, 7:32 AM IST

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Bengal villagers build hospital: बंगाल के हुगली में ग्रामीणों ने अपने प्रयास से अस्पताल बनवाया

पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में एक गांव में लोगों ने अपने प्रयास से अस्पताल का निर्माण करवाया. गांव के आस- पास चिकित्सा साधनों की कमी से परेशान ग्रामीणों ने यह प्रेरणादायक कदम उठाया.

Etv BharatVillagers build hospital with own efforts in Bengal's Hooghly
Etv Bharatबंगाल के हुगली में ग्रामीणों ने अपने प्रयास से अस्पताल बनवाया

हुगली: हरिपाल ब्लॉक के निवासियों ने कठिन प्रयास से असंभव को संभव कर दिखाया है. हरिपाल पंचगछिया गांव के लोगों ने बिना सरकार की मदद के 70 लाख रुपये खर्च कर चार मंजिला अस्पताल बनवा दिया. 2021 में अस्पताल का निर्माण शुरू हो गया. आसपास कोई अस्पताल नहीं होने के कारण पंचगछिया के निवासियों को इलाज के लिए दूर जाना पड़ता था.

इस कारण कई लोग गांव छोड़कर चले गए. स्थानीय बनर्जी परिवार लोगों की पीड़ा दूर करने के लिए आगे आए. परिवार ने अस्पताल के लिए घर समेत डेढ़ बीघा जमीन दान में दी. इसके अलावा, बुनियादी ढांचे और कानूनी कार्यों के लिए श्रमिक वर्ग ने अस्पताल से संपर्क किया. यात्रा की शुरुआत हरिपाल के श्रम अस्पताल के लिए एक छोटी सी बाहरी सेवा से होती है.

आज वहां एक विशाल चार मंजिला इमारत बन चुकी है. यह अस्पताल केवल गांव के लोगों के सहयोग से ही नहीं, बल्कि आसपास के कई डॉक्टरों और शिक्षकों की आर्थिक मदद से भी बना है. स्थानीय ग्रामीण कूपन के माध्यम से पैसे लेने के लिए आगे आए. कई लोगों ने कम कीमत पर अस्पताल की ईंट-टाइल दे दी. हरिपाल अस्पताल बनाने में हरिपाल अस्पताल के सचिव संदीपन चटर्जी, तुलसीदास बनर्जी, चिरंजय बनर्जी और सुशांत भंडारी जैसे लोगों की अहम भूमिका है.

आलोक बनर्जी और अरुण बनर्जी जमींदार परिवार के सदस्य हैं. अस्पताल में आउटडोर सेवाओं और इनडोर सेवाओं की व्यवस्था की गई है. गांव के डॉक्टर असित बनर्जी ने अस्पताल में रहने की सहमति दे दी है. जल्द ही ऑपरेशन थियेटर से लेकर आईसीयू तक डॉक्टरों व नर्सों के रहने की व्यवस्था की जाएगी. वर्तमान में अस्पताल के निर्माण पर 60 लाख रुपये से अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है.

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चिकित्सा उपकरणों पर खर्च करने के लिए अभी भी बड़ी राशि की जरूरत है. हालांकि, ग्रामीणों का मानना है कि अगर गांव के लोग एक-दूसरे का सहयोग करते हैं तो सभी बाधाओं को दूर किया जा सकता है. संदीपन चटर्जी ने कहा, 'बनर्जी परिवार ने एक अच्छे काम के लिए जमीन दान दी है. ग्रामीण समर संतारा ने कहा, 'बंद्योपाध्याय परिवार की मदद से हमने इस अस्पताल का सपना देखा था. हम गरीबों के लिए अस्पताल के बारे में सोच रहे हैं.'

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