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विजय दिवस : उधमपुर और विशाखापत्तनम में शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

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Published : Dec 16, 2020, 8:34 PM IST

16 दिसंबर का दिन विजय दिवस के रुप में मनाया जाता है. इसी उपलक्ष्य में आज उधमपुर, आइजोल और आंध्र प्रदेश में कार्यक्रम का आयोजन किया गया और शहीदों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की गई.

उधमपुर और विशाखापत्तनम में शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि
उधमपुर और विशाखापत्तनम में शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

श्रीनगर/अमरावती : विजय दिवस में उपलक्ष्य में आज जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिला, आंध्र प्रदेश और आइजोल में कार्यक्रम रखा गया, जिसमें शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. उधमपुर जिला पूर्व सेना परिषद द्वारा क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित किया गया. शहीदों के लिए श्रद्धांजलि स्मारक पर एक कार्यक्रम रखा गया, जिसमें उधमपुर के राजनीतिक दलों के साथ गैर सरकारी संगठनों के अलावा विद्यार्थियों ने भी भाग लिया.

बता दें कि 1971 में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को याद किया गया, इस मौके पर शहीदों के परिवार भी श्रद्धांजलि समारोह में आए हुए थे. शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की गई और सैनिकों के बलिदान को याद किया गया.

इस मौके पर पिछले महीने कुपवाड़ा में एवलांच में शहीद हुए निखिल शर्मा के परिवार को सम्मानित किया गया और इसके साथ ही सूबेदार सुखदेव सिंह के परिवार को भी सम्मानित किया गया.

पत्रकारों से बात करते हुए जिला पूर्व सैनिक परिषद के प्रधान उमाकांत शर्मा ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को भी भारतीय सेना में जाने की इच्छा रखनी चाहिए अथवा देश के लिए हर चुनौती से लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए अथवा बुरी कुरीतियों से दूर रहना चाहिए.

आंध्र प्रदेश में भी मनाया गया विजय दिवस
पूर्वी नौसेना कमान ने विजय दिवस की 50 वीं वर्षगांठ को मनाया. विशाखापत्तनम में नौसेना परियोजनाओं के डायरेक्टर जनरल वाइस एडमिरल किरण मणिकराव देशमुख ने आरके बीच पर विक्ट्री एट सी मेमोरियल युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की.

विशाखापत्तनम में शहीदों को श्रद्धांजलि

इस दौरान वेन्यू पर परेड भी हुई और वीरों के सम्मान में दो मिनट का मौन भी रखा गया.

आइजोल में भी हुए कार्यक्रम
विजय दिवस आइजोल में मनाया गया, जहां पूर्व सैनिकों द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध के स्मारक पर सुबह में माल्यार्पण समारोह आयोजित किया गया था.

मिजोरम में शहीदों को श्रद्धांजलि

असम राइफल्स ने भी विजय दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया. इस कार्यक्रम का आयोजन आत्म सम्मान और एकता की भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था.

यह भी पढ़ें-विजय दिवस : जब पाकिस्तान ने भारत के सामने टेके घुटने, बांग्लादेश का निर्माण

गौरतलब है कि भारत सरकार ने 03 दिसंबर, 1971 को निर्णय लिया कि भारत बंगालियों, मुसलमानों और हिंदुओं को बचाने के लिए पाकिस्तान के साथ युद्ध करेगा. यह युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच 13 दिनों तक लड़ा गया, जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने 93 हजार सैनिकों के साथ भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. यह भारतीय सेना की पाकिस्तान के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी जीत में से एक थी. यह युद्ध बांग्लादेश में रह रहे बंगालियों, मुसलमानों और हिंदुओं को पाकिस्तान के जुल्मों से बचाने के लिए लड़ा गया. इस युद्ध में भारत की जीत हुई. इसलिए 16 दिसंबर को विजय दिवस के रुप में मनाया जाता है.

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