नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को लोगों से खादी को एक राष्ट्रीय पोशाक के रूप में अपनाने और इसके उपयोग को बढ़ावा देने का आग्रह किया. नायडू ने विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख लोगों से आगे आने और खादी के व्यापक उपयोग को बढ़ावा देने की अपील की.
नायडू ने बताया खादी के पर्यावरणीय लाभ
दरअसल, उपराष्ट्रपति 'खादी भारत प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता' को शुरू किए जाने के अवसर पर बोल रहे थे जिसे 'आज़ादी अमृत महोत्स' के हिस्से के रूप में खादी और ग्रामोद्योग आयोग (Khadi and Village Industries Commission - KVIC) ने आयोजित किया है.
खादी के पर्यावरणीय लाभों का जिक्र करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि खादी में कार्बन की थोड़ी सी भी मात्रा नहीं होती है क्योंकि इसे बनाने के लिए बिजली की तनिक भी आवश्यकता नहीं पड़ती है या किसी भी प्रकार के ईंधन की आवश्यकता नहीं होती है.
एक सरकारी बयान के मुताबिक नायडू ने कहा, ऐसे समय में जब दुनिया कपड़ों में स्थायी विकल्प तलाश रही है, यह याद रखना चाहिए कि खादी पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ कपड़े के रूप में निश्चित रूप से जरूरतों को पूरा करता है.'
'खादी स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़ने में मदद करेगा'
उन्होंने शिक्षण संस्थानों से वर्दी के तौर पर खादी के इस्तेमाल की संभावनाओं का पता लगाने का भी आह्वान किया. उन्होंने कहा कि यह न केवल छात्रों को खादी के कई लाभों का अनुभव करने का मौका देगा बल्कि उन्हें महान स्वतंत्रता सेनानियों और स्वाधीनता आंदोलन से जुड़ने में भी मदद करेगा.