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बनारस के रामजन्म योगी के शंखनाद का हर कोई कायल, जानिए क्या है खासियत

भारत अद्भुत विधाओं के धनी लोगों का देश है. काशी के रामजन्म योगी भी अद्भुत कला के धनी हैं. रामजन्म योगी को 10-20 मिनट नहीं, आधा घंटे तक लगातार शंखनाद करने में महारत हासिल है. उनकी इस कला की तारीफ प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई नामचीन हस्तियां कर चुकी हैं.

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Published : Apr 5, 2023, 1:50 PM IST

बनारस के रामजन्म योगी के शंखनाद का हर कोई कायल.


वाराणसी : वाराणसी के चौबेपुर इलाके के रहने वाले रामजन्म योगी योग क्रिया के बल पर कई साल से शंखनाद का अद्भुत काम कर रहे हैं. जिसे देखकर हर कोई आश्चर्यचकित हो जाता है. रामजन्म योगी 5 मिनट 10 मिनट 15 मिनट और आधे घंटे तक बिना सांस तोड़े लगातार शंखनाद करते हैं. दरअसल 62 साल के रामजन्म योगी 8 वर्ष की अवस्था से ही कुछ अलग करना चाहते थे. उनके घर के बाहर मौजूद हनुमान मंदिर में उन्होंने 8 वर्ष की अवस्था से शंखनाद करना शुरू किया. धीरे-धीरे शंख बजाते हुए योग की क्रिया के जरिए उन्होंने अपने श्वसन प्रणाली पर नियंत्रण करना शुरू किया. प्राणायाम समेत अन्य अलग-अलग क्रियाओं के जरिए उन्होंने सांस खींचना, सांस छोड़ना और सांस रोकना तीनों क्रियाओं को एक साथ संचालित करना सीख लिया.

राम जन्म योगी का कहना है कि योग में वर्णित कुंभक, रेचक और पूरक क्रिया के जरिए वह शंख बजाते हुए ही बिना शंख की ध्वनि को किसी तरह से भी प्रभावित किए श्वसन प्रणाली को मजबूत करते हुए सांस लेते भी हैं और उसे रोककर भी रखते हैं. जिसकी वजह से शंखनाद की लय नहीं टूटती. ऐसे में लगातार आधे घंटे या फिर जितनी देर तक लोग चाहें उतनी देर तक शंख बजा सकते हैं. रामजन्म योगी ने बनारस के बड़े धार्मिक आयोजनों से लेकर बड़ी हस्तियों के बनारस दौरे पर भी शंखनाद किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समेत राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमू और विदेशों से आए दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्ष इमैनुएल मैक्रों, जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे समेत कई अन्य राजनीतिक हस्तियों समेत देश के बड़े उद्योगपतियों और अन्य कई लोगों के सामने भी रामजन्म योगी शंखनाद कर हर किसी को आश्चर्यचकित कर चुके हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरी बार चुनाव जीतने के बाद वाराणसी पहुंचे थे तो गंगा आरती के दौरान रामजन्म योगी के शंखनाद को सुनकर मोदी समेत अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने आप को रोक नहीं पाए थे. लगभग 8 मिनट तक चले लगातार शंखनाद को सुनकर प्रधानमंत्री तालियां बजाते हुए रामजन्म योगी का उत्साहवर्धन कर रहे थे. उस वक्त प्रधानमंत्री ने रामजन्म योगी से मिलकर उनकी तारीफ भी की थी और उनकी पीठ थपथपाई थी. उनकी इस अद्भुत योग क्रिया को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए भी कहा था.



रामजन्म योगी वाराणसी में होने वाले विभिन्न आयोजनों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हैं और उनके द्वारा किए जाने वाले शंखनाद को सुनकर हर कोई उनका दीवाना बन जाता है. उनके शंखनाद को सुनने वाले लोगों का कहना है कि उनकी यह अद्भुत कला पूरे विश्व में सिर्फ उन्हीं के पास है. शायद यही वजह है कि उनके चहेतों ने जब रामजन्म योगी के इस प्रयास को विश्व रिकॉर्ड के लिए दर्ज कराने की कोशिश शुरू की तो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने रामजन्म योगी को अपने जैसे कम से कम 2 अन्य लोगों को तलाशने के लिए कहा, लेकिन लाख प्रयास के बाद भी अब तक कोई ऐसा शंख वादक नहीं मिला जो लगातार पांच से 10 मिनट तक भी शंख बजा सकें. यही वजह है कि उनके प्रयास अब तक गिनीज बुक में दर्ज होने के लिए जारी हैं. रामजन्म योगी का कहना है कि बचपन से शुरू किया गया यह प्रयास अब विश्व स्तर पर उन्हें एक अलग पहचान दिला चुका है. बड़े-बड़े लोगों ने उनके इस काम को सराहा है और योग की ताकत को भारत में और मजबूत करने का काम किया है.

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