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काले धन के खिलाफ अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले चंद्रा होंगे अगले सीईसी

सरकार ने 'निर्वाचन सदन' में शीर्ष पद के लिए निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा के नाम को स्वीकृति दे दी है. सुशील चंद्रा अगले मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) होंगे. जानिए सुशील चंद्रा ने कहां से की पढ़ाई, कैसा रहा है उनका अभी तक का सफर.

सुशील चंद्रा
सुशील चंद्रा

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Published : Apr 12, 2021, 5:13 PM IST

हैदराबाद : निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा देश के अगले मुख्य निर्वाचन आयुक्त होंगे. कालेधन के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सुशील चंद्रा ने इंडियन इंस्टीट्यूट मैनेजमेंट (IIM), बेंगलुरु में कई प्रशिक्षण प्राप्त किए हैं.

15 मई 1957 को जन्मे सुशील चंद्रा ने रुड़की से बीटेक किया है. उन्होंने लॉ की पढ़ाई देहरादून के डीएवी कॉलेज से की है. भारतीय राजस्व सेवा में आने से पहले उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और इंडियन इंस्टीट्यूट मैनेजमेंट (IIM), बेंगलुरु में कई प्रशिक्षण प्राप्त किए.

1980 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी सुशील चंद्रा ने 38 साल तक इस विभाग में अपनी सेवाएं दीं. नवंबर 2016 से उन्होंने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) का नेतृत्व किया.

उन्हें उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और दिल्ली में विभिन्न पदों पर रहते हुए कराधान के विभिन्न क्षेत्रों में काम करने का अनुभव है. उन्होंने मुकदमेबाजी, अनुपालन प्रबंधन और अंतरराष्ट्रीय कराधान के क्षेत्रों में काम किया है.

संपत्ति की जांच के क्षेत्र में उनकी खास पकड़ रही है, जहां उन्होंने जांच निदेशक और महानिदेशक के रूप में मुंबई और गुजरात में काफी समय बिताया. चंद्रा को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था, जो भारत में नीति प्रशासन और प्रत्यक्ष करों के कार्यान्वयन के बाद सर्वोच्च निकाय है. सुशील चंद्रा ने 15 फरवरी 2019 को भारत के चुनाव आयुक्त के रूप में पदभार ग्रहण किया था.

सुशील चंद्रा की उपलब्धियां

सुशील चंद्रा ने सरकार की कालेधन के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. विमुद्रीकरण के मद्देनजर कर चोरी के खिलाफ उन्होंने अभियान चलाया.

उन्होंने बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम, 1988 को प्रतिबंधित करके बेनामी लेनदेन पर सरकार की सख्ती को मजबूत किया. सीबीडीटी के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने विधानसभा चुनाव में अवैध धन इस्तेमाल करने के खिलाफ अभियान छेड़ा.

उन्होंने देशों के बीच सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान के लिए अन्य देशों के साथ विभिन्न संधियों पर हस्ताक्षर किए. इसमें भारत और स्विट्जरलैंड के बीच संधि महत्वपूर्ण थी.

सुशील चंद्रा ने अंतरराष्ट्रीय कराधान, कर अपराधों और कराधान में प्रौद्योगिकी के उपयोग पर विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भारत का प्रतिनिधित्व किया. उनके नेतृत्व में विभाग ने 'ऑपरेशन क्लीन मनी ’ के माध्यम से गैर-दखल तरीके से संदिग्ध लेनदेन और कर चोरी के मामलों की जांच के लिए डेटा माइनिंग और एनालिटिक्स का व्यापक उपयोग किया.

जम्मू-कश्मीर के परिसीमन आयोग के लिए भी सुशील चंद्रा को नामित किया गया था.

पढ़ें- सुशील चंद्रा होंगे अगले मुख्य निर्वाचन आयुक्त, 13 अप्रैल को संभाल सकते हैं पद

प्रौद्योगिकी के उपयोग के शौकीन चंद्रा ने ई-मूल्यांकन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का भी जिम्मा उठाया है, जहां कर दाता और कर विभाग के बीच किसी भी भौतिक इंटरफ़ेस के बिना जांच की जा रही है. प्रौद्योगिकी और डेटा के माध्यम से ही ऐसे कदम उठाए कि करदाताओं की संख्या 24% तक बढ़ गई है.

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