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यूपी की एक नगर पंचायत जहां 30 साल से नहीं पड़ा एक भी वोट, फिर कैसे बने अध्यक्ष और वार्ड सदस्य

उत्तर प्रदेश में हाल ही में निकाय चुनाव संपन्न हुए हैं. अब सभी नगर पंचायत और नगर निगम में शपथ ग्रहण का दौर चल रहा है. लेकिन, इन सबके बीच एक नगर पंचायत ऐसी उभर कर सामने आई है, जहां पिछले 30 साल से मतदान ही नहीं हुआ है. इसके बाद भी अध्यक्ष और वार्ड सदस्य निर्वाचित हुए. कैसे, आईए जानते हैं इस रिपोर्ट में...

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Published : May 26, 2023, 8:00 PM IST

Updated : May 26, 2023, 8:37 PM IST

आगरा की दयालबाग नगर पंचायत पर ईटीवी भारत संवाददाता श्यामवीर की खास रिपोर्ट

आगरा: यूपी में हाल ही में नगर निकाय चुनाव संपन्न हुए हैं. इसमें चुनीं गईं शहर और नगर की सरकारें शु्क्रवार से शपथ ले रही हैं. मगर, हम आपको एक ऐसी नगर पंचायत के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर 30 साल से मतदान ही नहीं हुआ है. आम सहमति से अध्यक्ष और सदस्य चुने जाते हैं, जो उच्च शिक्षित होते हैं. ये नगर पंचायत है आगरा जिले की दयालबाग. जहां पर अध्यक्ष के साथ ही सभी 10 वार्ड के सदस्य निर्विरोध चुने जाते हैं. शुक्रवार को नगर पंचायत के चुने गए अध्यक्ष और सदस्यों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली. जिसमें अध्यक्ष गुरु प्यारी मेहरा की हैट्रिक है, तो उनकी टीम में शामिल निर्विरोध चुने सदस्य भी ऐसे हैं जो दूसरी और तीसरी बार चुने गए हैं.

दयालबाग नगर पंचायत के निर्विरोध जीते वार्ड सदस्य और अध्यक्ष

यहां नहीं गलती किसी राजनेता या पार्टी की दालःयूपी की हर नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत में सभी राजनीतिक दल निकाय चुनाव में दमखम लगाते हैं. मगर, दयालबाग नगर पंचायत में किसी राजनेता और राजनीतिक दल की दाल नहीं गलती है. यहां पर प्रबुद्धजन ही नगर निकाय चुनाव से पहले अपना अध्यक्ष और सदस्य चुन लेते हैं. इसलिए, दयालबाग नगर पंचायत में कोई राजनीतिक माहौल नहीं है. दयालबाग नगर पंचायत क्षेत्र में ही देश की टॉप डीम्ड यूनिवर्सिटी में शामिल दयालबाग शिक्षण संस्थान है.

आंकड़ों में दयालबाग नगर पंचायत

नगर पंचायत में राधा स्वामी मत के मानने वालेःदयालबाग नगर पंचायत में राधास्वामी मत के मानने वाले रहते हैं. आज से 162 साल पहले राधास्वामी मत की स्थापना 1861 में बसंत पंचमी के दिन हुई थी. आगरा की तंग गलियों में हजूर महराज के आग्रह पर स्वामी जी महाराज ने राधास्वामी मत की शुरुआत की. राधास्वामी मत को मानने वाले देश-विदेश में करोड़ों लोग हैं. आज भी हजूरी भवन, पीपल मंडी में राधास्वामी मत के द्वितीय आचार्य हजूर महाराज की समाधि है.

गुरु प्यारी मेहरा की हैट्रिकःदयालबाग नगर पंचायत में र्निविरोध निर्वाचित अध्यक्ष गुरु प्यारी मेहरा ने तीसरी बार शपथ ली. अध्यक्ष गुरु प्यारी मेहरा सबसे पहले सन 2012 में यहां की निर्विरोध अध्यक्ष बनीं. इसके बाद सन 2017 में निर्विरोध चुनी गईं. सन 2023 के निकाय चुनाव के लिए नगर पंचायत दयालबाग में अध्यक्ष पद के लिए गुरु प्यारी मेहरा के साथ ही बी प्रेम प्यारा ने पर्चा भरा था. इसके साथ ही हर वार्ड से दो-दो सदस्य ने पर्चा भरा. नाम वापसी के बाद अध्यक्ष पद के लिए पर्चा भरने वाले बी प्रेम प्यारा ने पर्चा वापस ले लिया. ऐसे ही आम सहमति के बाद हर वार्ड में एक एक वार्ड सदस्य ने अपना पर्चा वापस ले लिया. जिससे नगर पंचायत अध्यक्ष के साथ ही सदस्य भी निर्विरोध चुने गए.

सीएम योगी ने किया था सम्मानितःदयालबाग नगर पंचायत के वार्ड 10 की सदस्य सुभा सत्संगी ने बताया कि, मैं दोबारा सदस्य बनी हूं. हम यहां पर जो लोग हार्ड वर्कर होते हैं, उन्हें आम सहमति से चुना जाता है. काम अच्छा होता है तो दोबारा चुने जाते हैं. हमारी अध्यक्ष बहुत अच्छी तरह से गाइड करती हैं. हमारे यहां पर समन्वय बहुत अच्छा है. कोई भी अपनी नहीं चलाता. सभी मिलकर काम करते हैं. जिससे वार्ड में बेहतर कार्य हो. पिछली बार मैं वार्ड सात से सदस्य थीं. तब मुझे सीएम योगी ने सम्मानित किया था. मेरा वार्ड स्वच्छता में अव्वल रहा था. इस बार भी वार्ड में स्वच्छता समेत अन्य एजेंडे पर काम करूंगी.

स्वच्छ भारत मिशन पर जोरःदयालबाग नगर पंचायत के वार्ड चार के सदस्य गुरु प्यारा भटनागर ने बताया कि, मैं वार्ड चार से नगर पंचायत सदस्य हूं. मैं दूसरा बार चुना गया हूं. हमारे यहां पर आम सहमति से सदस्य चुने जाते हैं. इसलिए चुनाव नहीं होता है. पिछले पांच साल में बहुत काम अपने वार्ड में कार्य किया था. इस पर भी मैं अपने वार्ड में बेहतर कार्य करके नगर पंचायत को स्वच्छ भारत मिशन में अवार्ड दिलाने के लिए काम करेंगे.

1993 से कभी नहीं पड़े वोटःदयालबाग नगर पंचायत अध्यक्ष गुरु प्यारी मेहरा ने बताया कि, आजादी के बाद सन 1957 में दयालबाद टाउनशिप एरिया घोषित हुआ था. इसके बाद यहां पर पहली बार जब चुनाव हुए तो अध्यक्ष से लेकर सदस्य सभी निर्विरोध चुने गए. वैसे एक-दो बार चुनाव की स्थिति बनी. सन 1993 में दयालबाग नगर पंचायत बनी. इसके क्षेत्र छोटा हुआ. इसके बाद से सन 1993 में हुए चुनाव के बाद से ही आपसी समन्वय से ही निर्विरोध अध्यक्ष और सदस्य चुने जा रहे हैं. क्योंकि, यहां पर प्रबुद्ध नागरिक हैं. सुशिक्षित नागरिक हैं. यहां पर लोग अपने मैं को पीछे रखकर आम सहमति से बैठक में अध्यक्ष और सदस्य चुन लिए जाते हैं, जो सुयोग्य होता है, जो काम को प्राथमिकता देता है, उसे ही चुनते हैं. बाकी के लोग उसका सम्मान करते हैं. यह परंपरा अनोखी है, अनूठी है, जो यूपी और देश में कहीं नहीं है.

360 डिग्री से देखती हूं हर समस्याःदयालबाग नगर पंचायत अध्यक्ष गुरु प्यारी मेहरा ने बताया कि, निर्विरोध चुना जाना हमारा ध्येय नहीं है. निर्विरोध चुने जाने के बाद जनता, नागरिक और संगठन के साथ मिलकर काम करना होता है. सभी एक दिशा में एक लक्ष्य लेकर काम करें. यह बहुत जरूरी होता है. हमारे पास सभी तरह के प्रोफेशनल हैं. हमारे पास आर्केिटेक्ट हैं. हमारे यहां पर आईएएस हैं. हमारे यहां पर आईपीएस हैं. प्रोफेसर हैं. मेरी कोई भी समस्या होती है तो हम 360 डिग्री पर उसे देखते हैं. सभी से चर्चा करती हूं. इसके बाद उस समस्या का जो बेस्ट सॉल्यूशन होता है, उस ओर काम करती हूं. दयालबाग नगर पंचायत में सिक्स सिग्मा क्यू में काम किया जाता है. जिसमें सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, पर्यावरण, नए इनोवेशन शामिल हैं.

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Last Updated : May 26, 2023, 8:37 PM IST

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